मुझे फॉर्मर चीफ मिनिस्टर कहा, लेकिन अपन रिजेक्टेड नहीं हैं, शिवराज चौहान का फिर छलका दर्द

पद छोड़ दिया, इसका मतलब ये नहीं है कि राजनीति नहीं करूंगा। मेरी राजनीति किसी पद के लिए नहीं, बड़े लक्ष्य के लिए है: शिवराज सिंह चौहान

Updated: Jan 13, 2024, 09:34 AM IST

पुणे/भोपाल। मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने को लेकर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान का दर्द एक बार फिर छलक पड़ा। महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित छात्र संसद के समापन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे फॉर्मर चीफ मिनिस्टर कहा गया, लेकिन अपन रिजेक्टेड नहीं हैं। अपन छोड़ के भी आए तो ऐसे आए कि हर जगह जनता का स्नेह और प्यार मिलता है। जहां जाते हैं वहां लोग मामा-मामा कहते हैं।

शुक्रवार को आयोजित इस कार्यक्रम में शिवराज ने कहा कि पद छोड़ दिया, इसका मतलब ये नहीं है कि राजनीति नहीं करूंगा। मेरी राजनीति किसी पद के लिए नहीं, बड़े लक्ष्य के लिए है। मैं अहंकार की बातें नहीं बोल रहा हूं। एक क्षेत्र से मैं लड़ता हूं। अब तक मैं 11-12 चुनाव लड़ा हूं पार्टी ने मुझे लड़ाया। दिग्विजय सिंह जब मुख्यमंत्री हुआ करते थे तो उनके खिलाफ वहां भी लड़ने पहुंच गया, लेकिन एक ही क्षेत्र से 11 बार जीता हूं। आज कोई मेरे क्षेत्र में जाकर देख लेना। मैं चुनाव में प्रचार करने नहीं जाता, एक दिन पहले फॉर्म भरने निकलता हूं। गांव की जनता आती है मुझे थैली भेंट करती है जिसमें पैसे और सूची होती है। रामलाल के 100 रुपए, श्यामलाल के 200 रुपए और उस पैसे से चुनाव लड़ते हैं।

शिवराज सिंह चौहान ने छात्रों से कहा कि क्या राजनीति में धन का प्रभाव खत्म करने के लिए तुम काम नहीं करोगे। क्या राजनीति केवल अमीरों की तिजोरी से चलेगी। अगर 35-40 करोड़ रुपए MLA बनने के लिए खर्चा करोगे तो देश की सेवा क्या करेंगे, प्रदेश की सेवा क्या करेंगे। राजनीति से धन के प्रभाव को समाप्त करना होगा। मैं आपको आह्वान करने आया हूं। राजनीति में आने से डरो मत आगे बढ़ो, आओ अगर तुम नहीं आओगे तो कौन आएगा बेईमान? अगर हम बेईमान नहीं है, अच्छे हैं, ईमानदार हैं, कर्मठ हैं, चरित्रवान हैं, हम देशभक्त हैं, हम राजनीति छोड़ दें तो क्या केवल चोरी करने वालों के लिए राजनीति सौप दें।

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर पूर्व सीएम शिवराज ने कहा कि विधानसभा चुनाव में कई चुनावी विश्लेषकों ने कहा था कि मध्यप्रदेश में भाजपा नहीं जीतेगी। कांग्रेस ने घोषणा की थी कि क्लीन स्वीप करेंगे। मेरी पार्टी के कुछ नेता भी मुझसे कहते थे, मुश्किल है, नहीं हो पाएगा। मैंने तय किया कि किसी भी कीमत पर मैं पार्टी को जिताऊंगा। कोई ताकत मुझे जीतने से नहीं रोक सकती। एक संकल्प पैदा हुआ और उसके अनुरूप काम किया। जब परिणाम आए, तब कांग्रेस ने नहीं, भाजपा ने क्लीन स्वीप किया। सबसे ज्यादा वोट आए और सबसे शानदार सीटें आईं।