इंदौर में भर्ती सत्याग्रह शुरू, आठ दिन सत्याग्रह पर बैठेंगे बेरोजगार युवा, फिर भोपाल कूच करने की तैयारी

नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (NEYU) के बैनर तले बुधवार से इंदौर में युवाओं ने भर्ती सत्याग्रह शुरू किया है, इसके बाद वे भोपाल तक पदयात्रा करेंगे

Updated: Sep 21, 2022, 11:49 AM IST

इंदौर। विभिन्न परिक्षाओं की तैयारी करने वाले कैंडिडेट एकजुट हो गए हैं। लंबित पड़े भर्तियों के खिलाफ छात्रों ने मोर्चा खोल दिया है। कई जिलों के छात्रों ने मिलकर बुधवार से इंदौर में भर्ती सत्याग्रह शुरू कर दिया है। सैंकड़ों की संख्या में छात्र इंदौर के भोलाराम चौराहे पर स्थित दीनदयाल पार्क में धरने पर बैठे हैं।

नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (NEYU) के बैनर तले छात्र यह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह सत्याग्रह 28 सितंबर तक चलेगा। इसके बाद पढ़े लिखे बेरोजगार कैंडिडेट इंदौर सहित पूरे मध्य प्रदेश से भोपाल कूच करेंगे। जहां वे सीएम हाउस और विधानसभा का घेराव करेंगे। 

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इस आंदोलन की खास बात यह है कि पिछले लंबे समय से अलग-अलग एग्जाम को लेकर संघर्ष कर रहे सभी कैंडिडेट इस बार एक साथ मिल गए हैं। PSC, व्यापमं, शिक्षक, पटवारी, एसआई, कांस्टेबल, एग्रीकल्चर सभी तरह की भर्ती परीक्षा का इंतजार कर रहे छात्र मिलकर आंदोलन कर रहे हैं।

भर्ती सत्याग्रह के दौरान एक टीम अलग-अलग जिलों में जाकर विभिन्न छात्र संगठनों और कैंडिडेट्स को इस भर्ती सत्याग्रह आंदोलन से जोड़ने के काम में लगी हुई है। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि 27 सितंबर तक यदि सरकार द्वारा उनकी मांगें नहीं मानी तो 28 सिंतबर से आंदोलन का दूसरा चरण शुरु होगा। 28 सिंतबर को सभी कैंडिडेट्स भगत सिंह जयंती पर भगत सिंह के फोटो पर माल्यार्पण के बाद इंदौर से भोपाल तक पैदल यात्रा निकालेंगे।

प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों की मुख्य मांगों में MPPSC की 2019-20-21 की भर्ती पूरी करने। OBC आरक्षण मुद्दा हल करने। व्यापमं के 1 लाख पदों, SI, पटवारी, कांस्टेबल, एग्रीकल्चर, बैंकिंग व अन्य की भर्ती पूरी करने। रिटायरमेंट की उम्र 58 वर्ष करने। शिक्षक वर्ग 1,2,3 की पद वृद्धि व भर्ती करने। 5 हजार रुपए प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देने, संविदा भर्ती व आउट सोर्सिंग भर्ती बंद करने की मांग शामिल है।

दरअसल, साल 2018 के बाद से लगातार PSC, व्यापमं व अन्य भर्तियों का इंतजार कर रहे छात्रों ने अब लंबी लड़ाई का मन बना लिया है। इन अभ्यर्थियों द्वारा पहले भी बहुत बार एक दिवसीय आंदोलन किए जा चुके हैं। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में इस बार कैंडिडेट्स ने आरपार की लड़ाई का मन बना लिया है।