देश में 43 लाख बच्चे कुपोषण के शिकार, 14 लाख अत्यंत कुपोषित: केंद्र सरकार

गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों का वजन उनकी ऊंचाई के मुकाबले बहुत कम है, और उनकी कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण बीमारियों के मामले में मरने की संभावना नौ गुना अधिक होती है।

Updated: Mar 30, 2023, 09:47 AM IST

नई दिल्ली। भारत में कुपोषण अब भी एक गंभीर समस्या बनी हुई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में इस समय 43 लाख से अधिक बच्चे कुपोषित हैं। इनमें से एक तिहाई से ज्यादा यानी कि 14 लाख से अधिक बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं।

महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कुपोषण से संबंधित जानकारी दी है। स्मृति ईरानी ने बताया कि मिशन पोषण 2.0 के तहत सेवा वितरण की निगरानी के लिए आईसीटी एप्लीकेशन पोषण ट्रैकर के तहत फरवरी 2023 में मापे गए लगभग 5.6 करोड़ बच्चों में से गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों का प्रतिशत 2.6 प्रतिशत है। यह संख्या 14 लाख 56 हजार है।

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महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने आगे कहा कि देश में कुपोषित बच्चों का प्रतिशत 7.7 प्रतिशत पाया गया जो लगभग 43 लाख है। ये आंकड़े पोषण ट्रैकर ऐप से लिये गये हैं, जहां डेटा सीधे आंगनवाड़ियों द्वारा दर्ज किये जाते हैं तथा केंद्र इन्हें प्राप्त करता है।

बता दें कि कुपोषण भारत की गम्भीरतम समस्याओं में एक रहा है फिर भी इस समस्या पर सबसे कम ध्यान दिया गया है। कुपोषण पर ताजा सरकारी आंकड़े दिखा रहे हैं कि भारत में कुपोषण का संकट और गहरा गया है।

साल 2022 के ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भी भारत की स्थिति बदतर बताई गई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि 121 देशों की रैंकिंग में भारत 107वें पायदान पर है। भारत से बेहतर स्थिति में उसके पड़ोसी देश पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश हैं। अब खुद केंद्र सरकार की रिपोर्ट में भी कुपोषण को लेकर चिंताजनक आंकड़े सामने आए हैं।