झारखंड में 50 साल वालों को भी मिलेगी वृद्धावस्‍था पेंशन, चार साल पूरे होने पर हेमंत सोरेन सरकार का बड़ा ऐलान

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बड़ा ऐलान करते हुए दलित और आदिवासियों को 50 साल की उम्र में ही पेंशन देने के ही घोषणा की है।

Updated: Dec 29, 2023, 08:34 PM IST

रांची। झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने वृद्धावस्‍था पेंशन के लिए दलित और आदिवासियों की योग्‍यता आयु 60 साल से घटाकर 50 साल करने का ऐलान किया है। साथ ही राज्‍य में अपने ऑफिस स्‍थापित करने वाली कंपनियों में 75 फीसदी नौकरियों को स्‍थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने संबंधी प्रावधान करने का ऐलान किया है।

दरअसल, झारखंड में हेमंत सरकार आज अपनी चौथी वर्षगांठ मना रही है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंच से कई बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने मंच से कहा मैं घोषणा करना चाहता हूं कि हमारे राज्य में आदिवासी दलित भाई हैं उन्हें 60 में नहीं अब 50 की उम्र से ही पेंशन दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा 60 साल की उम्र में इन्हें काम नहीं मिलता है। आदिम जनजाति के लोगों के संबंध में कई खबरें छपती है। उन्हें कैसे संरक्षित किया जाए सुरक्षित रखा जाए इसका प्रयास किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कार्यक्रम में विरोधियों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने इस मौके पर केंद्र सरकार से सहयोग ना मिलने का जिक्र किया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विपक्षियों पर निशाना साधते हुए कहा कि गर्वनर के कान भरे जाते हैं। दूसरे राज्यों में गर्वनर को कोई दिक्कत नहीं है फिर हमारे यहां समस्या क्यों है।

हेंमत सोरेन ने अपने संबोधन में अब तक किए अपने काम का जिक्र किया। उन्होंने गिनाया कि कैसे कोरोना संक्रमण और राज्य में सुखाड़ के दौरान भी सरकार गरीब, किसान और मजदूरों के लिए खड़ी रही। हेमंत सोरेन ने कहा कि हमने रोजगार दिया है। अभी 45 हजार नियुक्तियां होनी है। हमें वक्त कम मिला है।

कोरोना संक्रमण के हालात का जिक्र करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि उस दौरान हमलोग सोते नहीं थे। लगातार अपडेट लेते रहते थे। हमने जनता को बचाया लेकिन हमारे दो मंत्री शहीद हो गये। हाजी हुसैन अंसारी को कोरोना ने निगल लिया। इसी तरह जगरनाथ महतो की भी जान चली गयी। आज टाइगर जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी हमारे साथ हैं। यह राज्य भीख में नहीं मिला लड़कर मिला है। आप कई वीरों की कहानी सुनेंगे। जल, जंगल जमीन की रक्षा के लिए यह लड़ते रहे।