अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कोरोना के नए वैरिएंट की आशंका, 20 दिनों में 34 प्रोफेसरों की मौत

AMU के वाइस चांसलर ने ICMR को जांच के लिए भेजी चिट्ठी, 20 दिनों में 16 सर्विंग और 18 रिटायर्ड प्रोफेसर की मौत से घबराहट में प्रशासन

Updated: May 10, 2021, 12:51 PM IST

Photo Courtesy: The Indian Express
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अलीगढ़। उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ में कोरोना के नए और बेहद खतरनाक वैरिएंट के मौजूद होने की आशंका जतायी गयी है। कारण है एक के बाद एक 34 प्रोफेसरों की मृत्यु। बीते 20 दिनों में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 34 प्रोफेसर कोरोना संक्रमण के शिकार होकर जान जान गवां बैठे हैं।  रिपोर्ट्स के मुताबिक इनमें से 16 वर्किंग और 18 रिटायर्ड प्रोफेसर शामिल हैं। यूनिवर्सिटी में इतनी बड़ी तादाद में लोगों की मौत के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन सकते में है।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने इस संबंध में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के डायरेक्टर प्रोफेसर बलराम भार्गव को पत्र भेजा है। पत्र में एएमयू वीसी ने बताया है कि विश्वविद्यालय में बनी आईसीएमआर के प्रमाणित लैब ने सैंपल इकट्ठा किए हैं। उन्होंने कहा कि, 'जितना जल्द संभव हो सके कोविड सैंपल्स की जीनोम स्टडी कराएं, ताकि इस बात की जानकारी मिल सके कि कहीं विश्वविद्यालय के आसपास कोई नये स्ट्रेन ने तो जगह नहीं बना ली है।

जीनोमिक लाइब्रेरी नई दिल्ली को भी इस बारे में सैंपल्स भेजे गए हैं ताकि जीनोम सिक्वेंसिंग के जरिए नए वैरिएंट का पता लगाया जा सके। इस बीच में एएमयू के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्रिंसपिल ने मीडिया को बताया कि खुद उनके अस्पताल में 25 डॉक्टर्स कोरोना पॉज़िटिव हो गए हैं। ये सिर्फ बीते पंद्रह दिनों के अंदर के मामले हैं और अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं, खासकर ऑक्सीजन सिलेंडर की भारी कमी है।

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बताया जा रहा है कि प्रोफेसर्स के अलावा कई कर्मचारी भी हाल के दिनों में कोरोना वायरस के चपेट में आकर जान से हाथ धो चुके हैं। इनमें से कुछ लोग विश्वविद्यालय परिसर के अंदर रहते थे जबकि कई आसपास के इलाकों के थे। यूनिवर्सिटी की ओर से इकट्ठा किए गए सैंपल्स को राजधानी दिल्ली स्थित सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ जिनॉमिक्स ऐंड इंटीग्रेटिव बायॉलजी के लैब में जांच के लिए भेजा गया है।