जंग के बीच पीएम मोदी ने की फिलिस्तानी राष्ट्रपति से बात, मानवीय सहायता भेजने का दिया आश्वासन
भारतीय प्रधानमंत्री ने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बात की है। इस बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने गाजा के अल अहली अस्पताल में नागरिकों की मौत पर भी अपनी संवेदना व्यक्त की।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बात की। इस दौरान उन्होंने गाजा के अल-अहली अस्पताल में नागरिकों की मौत पर संवेदना व्यक्त की। इजराइल-हमास के बीच चल रहे संघर्ष के बीच पीएम मोदी ने यह आश्वासन दिया कि भारत फिलिस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता भेजेगा। इस बारे में पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने इज़राइल-फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत के लंबे समय से चले आ रहे सिद्धांतों को दोहराया।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर बताया कि दोनों देशों के बीच चर्चा हुई है। उन्होंने लिखा, “फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महामहिम महमूद अब्बास से बात की। गाजा के अल अहली अस्पताल में नागरिक जीवन की हानि पर अपनी संवेदना व्यक्त की। हम फिलिस्तीनी लोगों के लिए मानवीय सहायता भेजना जारी रखेंगे। क्षेत्र में हिंसा, बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और आतंकवाद पर हमारी गहरी चिंता साझा की। इजराइल-फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत की लंबे समय से चली आ रही सैद्धांतिक स्थिति को दोहराया।"
Spoke to the President of the Palestinian Authority H.E. Mahmoud Abbas. Conveyed my condolences at the loss of civilian lives at the Al Ahli Hospital in Gaza. We will continue to send humanitarian assistance for the Palestinian people. Shared our deep concern at the terrorism,…
— Narendra Modi (@narendramodi) October 19, 2023
इससे पहले हमास की ओर से संचालित गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि 17 अक्टूबर की रात को अल-अहली अल-अरबी, जिसे बैपटिस्ट अस्पताल भी कहा जाता है, पर इजरायली हवाई हमले में कम से कम 500 लोग मारे गए। हालांकि इजरायल रक्षा बलों ने कहा था कि अस्पताल में विस्फोट के पीछे उसका हाथ नहीं था। यह गाजा आतंकवादियों द्वारा लॉन्च किए गए एक मिसफायर रॉकेट के कारण अस्पताल में विस्फोट हुआ।
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अस्पताल में हुए धमाके को लेकर फ़िलिस्तीनियों और अधिकांश अरब जगत ने इजरायल को दोषी ठहराया था। उन्होंने कहा था कि इजरायल ने चिकित्सा केंद्र पर हमला किया और सैकड़ों लोग मारे गए। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मौतों के लिए ‘गाजा में बर्बर आतंकवादियों’ को जिम्मेदार ठहराया था। नेतन्याहू ने एक बयान में कहा, ‘तो पूरी दुनिया जानती है, गाजा में बर्बर आतंकवादी वे हैं जिन्होंने गाजा अस्पताल पर हमला किया, आईडीएफ (इजरायल रक्षा बल) नहीं। जिन्होंने हमारे बच्चों की बेरहमी से हत्या की, वे अपने बच्चों की भी हत्या करते हैं।'