डाबर की सब्सिडियरी कंपनियों के उत्पाद सें कैंसर हौने का लगा आरोप, अमेरिका, कनाडा में 5,400 मुकदमे लंबित

ये मामले शुरुआती चरणों में हैं और इन सहायक कंपनियों ने आरोपों से इनकार किया है और इन मुकदमों में उनका बचाव करने के लिए वकील नियुक्त किया है। उनका कहना है कि ये आरोप अप्रमाणित और अधूरे अध्ययन पर आधारित हैं।

Updated: Oct 20, 2023, 04:38 PM IST

डाबर इंटरनेशनल लिमिटेड की 3 सहायक कंपनियां नमस्ते लेबोरेटरीज LLC, डर्मोविवा स्किन एसेंशियल्स इंक और डाबर इंटरनेशनल के खिलाफ अमेरिकी फेडरल कोर्ट में 5,400 से ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं। इन पर उपभोक्ताओं ने आरोप लगाया है कि कंपनी के हेयर प्रोडक्ट्स से ओवेरियन कैंसर और गर्भाशय का कैंसर होता है।

एक्सचेंज को दी गई जानकारी के अनुसार, ये मामले शुरुआती चरणों में हैं और इन सहायक कंपनियों ने आरोपों से इनकार किया है और इन मुकदमों में उनका बचाव करने के लिए वकील नियुक्त किया है। उनका कहना है कि ये आरोप अप्रमाणित और अधूरे अध्ययन पर आधारित हैं। 

इस बीच, फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने फॉर्मलाडेहाइड युक्त कुछ हेयर स्ट्रेटनिंग उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया है, उसने कहा है कि ये हार्मोन से संबंधित कैंसर से जुड़े हैं और लंबे समय में स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डालते हैं। 

नमस्ते लेबोरेटरीज हेयर और स्किन केयर प्रोडक्ट बनाती है। ब्रांड ने ORS™ हेयरकेयर के तहत रिलैक्सर्स, ऑयल, शैंपू, हेयर क्रीम जैसे प्रोडक्ट अमेरिकी बाजारों में बेचे जाते हैं। डाबर ने साल 2010 में इस कंपनी का अधिग्रहण किया था। डर्मोविवा स्किन एसेंशियल्स खुद को हर्बल एक्सपर्ट बताती है। इसके हेयर रिलेटेड प्रोडक्ट में डैंड्रफ गार्ड, हेयर फॉल कंट्रोल, नाइट रिपेयर, वॉल्यूम एंड थिकनेस जैसे प्रोडक्ट आते हैं। इसके अलावा कई और प्रोडक्ट डर्मोविवा बनाती है।

डाबर इंटरनेशनल डाबर इंडिया की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है और इसका मुख्यालय दुबई में है। डाबर 130 साल से ज्यादा पुरानी कंपनी है। 1884 में इसकी शुरुआत कोलकाता से हुई थी। डाबर आमला हेयर ऑयल और वाटिका शैंपू जैसे प्रोडक्ट बनाती है।

सहायक कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद डाबर के शेयरों पर गुरुवार की सुबह शेयर बाजार में बिकवाली का दबाव दिखा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर डाबर का शेयर आज गिरावट के साथ खुले और कारोबार के दौरान 520.50 रुपए प्रति शेयर के निचले स्तर तक पहुंच गए।

बता दें इससे पहले इसी साल डाबर इंडिया के शहद में कैंसर पैदा करने वाले केमिकल्स की मौजूदगी का दावा किया गया था। कहा जा रहा था कि डाबर के शहद में कार्सिनोजेनिक मैटेरियल लिमिट से ज्यादा है। इसपर, कंपनी ने कहा था कि उनके प्रोडक्ट FSSAI स्टैंडर्ड के मुताबिक बनते हैं।