बीजेपी के जयकारे में बदली शुभेंदु अधिकारी की बग़ावत, टीएमसी ने कहा वायरस से छुटकारा मिला

टीएमसी नेता शुभेंदु अधिकारी ने अमित शाह की मौजूदगी में बीजेपी का दामने के बाद कहा, पश्चिम बंगाल की बागडोर प्रधानमंत्री मोदी के हाथ में सौंपनी है

Updated: Dec 20, 2020, 12:53 AM IST

Photo Courtesy : Twitter
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कोलकाता। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दो दिन के पश्चिम बंगाल दौरे का पहला दिन दल-बदल के नाम रहा। अमित शाह की मिदनापुर रैली में अलग-अलग दलों के नौ विधायकों ने चुनाव के कुछ समयय पहले अपने पुराने दलों को कोसते हुए बीजेपी की शरण में जाने का एलान कर दिया। इन दलबदलू नेताओं में राज्य की ममता बनर्जी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहकर सत्ता का सुख भोगने वाले शुभेंदु अधिकारी भी शामिल हैं। एक दशक से ज्यादा समय तक जिस पार्टी में अहम भूमिका निभाई आज उसी को कोसते हुए अधिकारी ने बीजेपी की जय-जयकार का रास्ता चुन लिया। टीएमसी ने इस दलबदल पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह उनके लिए खुशी की शाम है, क्योंकि पार्टी वायरस मुक्त हो गई है।

अधिकारी के साथ ही टीएमसी के दो बार के सांसद सुनील मंडल भी दलबदलुओं की श्रेणी में शामिल होकर बीजेपी में भर्ती हो गए। दलबदलुओं की कतार देखकर गदगद अमित शाह ने एलान किया चुनाव आने तक दीदी यानी ममता बनर्जी अकेली रह जाएंगी। उन्होंने पश्चिम बंगाल की जनता का दीदी से मोहभंग होने की भविष्यवाणी भी कर डाली। 

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अमित शाह ने अपनी राजनीतिक रैली में बार-बार जय श्रीराम के नारे लगवाकर साफ कर दिया कि पश्चिम बंगाल में सियासी जीत के लिए धार्मिक ध्रुवीकरण की रणनीति पर उन्हें कितना भरोसा है। अपने इसी भरोसे के बूते उन्होंने विधानसभा चुनाव में 200 से ज़्यादा सीटें जीतने का दावा भी कर डाला। अमित शाह ने याद दिलाया कि आज जो लोग बीजेपी में आ रहे हैं, वे कभी मां-माटी-मानुष का नारा लगाते थे। अमित शाह ने ये बात कभी ममता बनर्जी के करीबी रहे शुभेंदु अधिकारी और दूसरे दलबदलुओं की मौजूदगी में कही।

शुभेंदु अधिकारी ने बीजेपी की शरण में आने के बाद दिए अपने पहले भाषण में अपनी नई पार्टी के लिए वफादारी का भरोसा दिलाने की भरपूर कोशिश की। बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफों के पुल बांधने के साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि पहले वे तृणमूल के लिए जितनी मेहनत करते थे उतनी ही अब बीजेपी के लिए करेंगे। शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की बागडोर अब नरेंद्र मोदी के हाथ में सौंपना बहुत जरूरी है। 

अधिकारी के दल-बदल और बीजेपी के प्रति वफादारी दिखाने के लिए बढ़-चढ़कर दिए गए बयानों पर टीएमसी ने भी करारा पलटवार किया है। पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री मदन मित्रा ने कहा, ''मुझे बताया गया है कि शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि टीएमसी ने पिछले 10 सालों में कुछ नहीं किया। यदि टीएमसी ने 10 सालों में कुछ नहीं किया तो आप चुप क्यों थे? यह दुर्भाग्यपूर्ण है। आज टीएमसी कार्यकर्ताओं के लिए खुशी का दिन है, क्योंकि हम वायरस से मुक्त हो गए हैं।''

ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस पिछले दस साल से पश्चिम बंगाल में सरकार चला रही है। अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को राज्य की 42 में से 18 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल हुई थी, जिसके बाद से उसके हौसले बुलंद हैं। हाल ही में टीएमसी समेत दूसरी पार्टियों के नेताओं के दल-बदलकर बीजेपी में आने से पार्टी विधानसभा चुनाव में भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है। तृणमूल कांग्रेस भी ममता बनर्जी की अगुवाई में बीजेपी के हर वार पर करारा पलटवार करने की रणनीति पर चल रही है।