तालिबान के समर्थन में पोस्ट करना पड़ा भारी, असम पुलिस ने 14 लोगों को किया गिरफ्तार

असम पुलिस की साइबर सेल लगातार सोशल मीडिया पर नजर बनाए रखी हुई है, सोशल मीडिया पर तालिबान के समर्थन में पोस्ट करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है

Publish: Aug 21, 2021, 10:58 AM IST

गुवाहाटी। तालिबान के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट करना अब भारी पड़ सकता है। असम पुलिस ने तबिलान के समर्थन में सोशल मीडिया पर लिखने वाले 14 लोगों को अपनी हिरासत में लिया है। असम पुलिस ने बयान जारी करते हुए कहा कि असम के 11 जिलों में अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों ने सोशल मीडिया पर अफगानिस्तान के समर्थन में पोस्ट लिखा था। 

हिरासत में लिए गए इन लोगों में से कुछ लोगों ने सीधे तौर पर तालिबान का समर्थन किया था, जबकि कुछ लोगों ने भारत और भारतीय मीडिया को तालिबान का समर्थन न करने के लिए कोसा था।

हिरासत में लिए गए लोगों को असम पुलिस की साइबर सेल ने सोशल मीडिया पर तालिबान का समर्थन करते हुए पकड़ा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक असम पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने लगातार सोशल मीडिया पर नजर बनाकर रखा हुआ है।

यह भी पढ़ें : भारतीय नागरिकों समेत 150 लोगों को तालिबान ने छोड़ा, सभी लोग सुरक्षित

डीआईजी वायलेट बरुआ ने कहा है कि सोशल मीडिया पर तालिबान के समर्थन में की जाने वाली टिप्पणियों पर असम पुलिस कानूनी कार्रवाई कर रही है। बरुआ ने कहा कि ऐसी टिप्पणियां राष्ट्रीय सुरक्षा को आघात पहुंचाने का काम कर रही हैं। बरुआ ने कहा कि हम ऐसे लोगों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज कर रहे हैं। इसके साथ ही बरुआ ने ऐसी टिप्पणियों के बारे में पुलिस को जानकारी देने के लिए भी कहा है। 

असम पुलिस के मुताबिक अब तक 17 से 20 ऐसे सोशल मीडिया प्रोफाइल के बारे में पता लगा है जिनसे तालिबान और अफगानिस्तान में घटित हो रही आतंकी गतिविधियों के समर्थन में पोस्ट किए गए हैं। असम पुलिस के मुताबिक ये सभी पोस्ट असम के 11 जिलों से किए गए हैं। जबकि तीन पोस्ट सऊदी अरब, दुबई और मुंबई से किए गए हैं। असम के बाहर से किए जाने वाले पोस्ट की जानकारी असम पुलिस एकत्रित करने का प्रयास कर रही है। जानकारी मिलते ही इसे इंटेलिजेंस ब्यूरो को सौंपा जाएगा।  

अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों का शासन कायम हो गया है। लेकिन अफगानिस्तान के हालात का असर भारत में भी सोशल मीडिया पर देखने को मिल रहा है। सोशल मीडिया पर तालिबानी आतंक को धार्मिक अमली जामा पहनाने की पुरजोर कोशिश हो रही है। इसी क्रम में तालिबानी क्रूरता को लेकर भी सोशल मीडिया पर कई तरह के विचार सामने आ रहे हैं।