SC-ST आरक्षण के मुद्दे पर भारत बंद, बिहार-ओडिशा में ट्रेनें रोकी, पटना में आगजनी

क्रीमीलेयर के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ कई दलित और आदिवासी संगठनों ने ये बंद बुलाया है।

Updated: Aug 21, 2024, 07:44 PM IST

नई दिल्ली। एससी-एसटी आरक्षण के मुद्दे पर बुलाए गए भारत बंद का यूपी, बिहार, झारखंड, ओडिशा और राजस्थान समेत कई राज्यों में असर देखने को मिल रहा है। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
बिहार में बंद का सबसे ज्यादा असर दिख रहा है। वहीं राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी प्रशासन अलर्ट पर है।

बिहार के पटना, आरा और दरभंगा में ट्रेनें रोकी गईं। रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन हो रहा है। पटना और पूर्णिया में भारत बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर टायर जलाकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। नवादा से लेकर अरवल तक बाजारें बंद हैं और एनएच को जाम कर दिया गया है। जहानाबाद, सहरसा और पूर्णिया में भी हाईवे जाम है।

भारत बंद का झारखंड की राजधानी रांची में भी असर दिख रहा है। रांची के शहरी क्षेत्र के साथ-साथ रिंग रोड के इलाके में बंद समर्थक सुबह नौ बजे से उतरे गए और सड़कों को ब्लॉक कर दिया। शहर में आगजनी भी हुई है। प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर टायर जलाए। 

उधर, राजस्थान में जयपुर समेत 16 जिलों में स्कूल बंद। भरतपुर में एहतियातन इंटरनेट बंद किया गया है। अलवर में रोडवेज की बसें रोकीं गई है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एहतियातन स्कूल बंद किया गया है। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में प्रदर्शनकारी-दुकानदारों के बीच बहस देखने को मिली।

उत्तर प्रदेश के आगरा में भारत बंद का असर दिख रहा है। हजारों की संख्या में जिला मुख्यालय प्रदर्शनकारी पहुंचे हैं। हालांकि, जिला मुख्यालय गेट पर पुलिस ने प्रदर्शन कारियो को रोक दिया। ये प्रदर्शनकारी जिला मुख्यालय के बाहर नारेबाजी कर रहे हैं। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। उधर, ओडिशा में रेल और सड़क यातायात मामूली प्रभावित दिखे। सरकारी कार्यालय, बैंक, दुकान और स्कूल खुले रहे।

दलित और आदिलासी संगठनों के भारत बंद को कई राजनीतिक संगठनों का भी समर्थन हासिल है। कांग्रेस, TMC, सपा, बसपा, RJD, झामुमो समेत कई दलों ने बंद का समर्थन किया है। कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि पार्टी ने भी बंद के आह्वान को समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग की है।