राजीव गांधी के समय हुआ था भूमि पूजन, कांग्रेस ने कभी राम मंदिर का विरोध नहीं किया: दिग्विजय सिंह

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी अयोध्या जी में राम मंदिर निर्माण का विरोध नहीं किया। केवल विवादित भूमि में निर्माण हेतु न्यायालय के फ़ैसले तक इंतज़ार करने के लिए कहा था।

Updated: Jan 16, 2024, 12:46 PM IST

नई दिल्ली/भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भाजपा पर जमकर हमला बोला है। सिंह ने ये भी साफ किया कि कांग्रेस पार्टी कभी भी मंदिर निर्माण के खिलाफ नहीं रही। उन्होंने बताया कि राम मंदिर का भूमिपूजन राजीव गांधी के कार्यकाल में हुआ था, जबकि विवादित भूमि का अधिग्रहण नरसिम्हा राव के कार्यकाल में हुआ।

दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, 'कांग्रेस ने कभी भी अयोध्या जी में राम मंदिर निर्माण का विरोध नहीं किया। केवल विवादित भूमि में निर्माण हेतु न्यायालय के फ़ैसले तक इंतज़ार करने के लिए कहा था। ग़ैर विवादित भूमि पर भूमि पूजन भी राजीव जी के समय हो गयी थी। नरसिम्हा राव जी ने राम मंदिर निर्माण के लिए ग़ैर विवादित भूमि का अधिग्रहण भी कर दिया था। लेकिन भाजपा, आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद को मंदिर निर्माण नहीं मस्जिद गिराना था। क्योंकि जब तक मस्जिद नहीं गिरेगी तब तक मुद्दा हिंदू मुसलमान का नहीं बनता। विध्वंस उनकी चाल व चरित्र में है अशांति फैला कर राजनीतिक लाभ लेना उनकी रण नीति है। इसीलिए उनका नारा था “राम लला हम आयेंगे, मंदिर वहीं बनायेंगे”।

दिग्विजय सिंह ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि अब वहाँ मंदिर क्यों नहीं बनाया गया?  जब उच्चतम न्यायालय ने विवादित भूमि न्यास को दे दी थी? सिंह ने कहा कि इसका जवाब तो केवल विश्व हिंदू परिषद के चंपत राय जी या नरेंद्र मोदी जी ही दे सकते हैं। मेरी सहानुभूति उन स्वयं सेवक परिवारों के साथ है जो मंदिर निर्माण आंदोलन में शाहिद हुए व वो लोग जिनके ऊपर न्यायालय में आपराधिक मुक़दमे चले। वे क्या आमंत्रित किए गए? निर्मोही अखाड़े के लोग जिन्होनें 175 वर्षों तक राम जन्म भूमि की लड़ाई लड़ी और जिन्होनें अदालत में लड़ाई लड़ी। सिंह ने पूछा कि क्या उन्हें आमंत्रित किया गया? उनके पूजा का अधिकार भी छीन कर वीएचपी के चंपत राय के चयनित स्वयं सेवकों को दे दिया। क्या यही राज धर्म है? क्या यही राम राज है?

बता दें कि जिस भूमि को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था वहां मंदिर नहीं बनाया गया है। बाबरी मस्जिद वाले स्थान से करीब तीन किलोमीटर दूर राम मंदिर बनाया गया है। इसे लेकर शिवसेना ने भी सवाल खड़े किए हैं। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि मंदिर वही बनाएंगे, मंदिर वही बनाएंगे... बोल-बोल कर बाबरी मस्ज़िद गिराई गई। बाबरी मस्जिद के बड़े गुंबज के नीच ही भगवान श्री राम लला का जन्म हुआ था इस लिए वही मंदिर बनाने के हेतु से मस्जिद गिराई गई। फिर मंदिर वहां से 3 किलोमीटर दूर क्यों बनाया जा रहा है? अगर 3 किलोमीटर दूर ही मंदिर बनाना था तो मस्ज़िद क्यों गिराई? हिंदू मुस्लिम के बीच नफरत क्यों फैलाई गई? अब ये साफ हो गया की इसके पीछे सिर्फ और सिर्फ राजनीती है। इसी लिए ये बात अब तक कोई न्यूज़ चैनल वाला तक नहीं बता रहा। हम हिंदुओं को देश हित में धर्म के नाम पर की जा रही इस राजनीति का विरोध करना ही चाहिए।