25 साल बाद फिर से एक हुए लालू और शरद यादव, BJP को मात देने के लिए तैयार होगी बड़ी रणनीति

5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में से 4 राज्यों में बीजेपी को मिली जीत के बाद देशभर में विपक्षी एकता की मांग होने लगी है, इसी बीच बिहार के दिग्गज नेता शरद यादव ने अपनी पार्टी का आरजेडी के साथ विलय कर दिया है

Updated: Mar 20, 2022, 12:10 PM IST

पटना। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में से 4 राज्यों में बीजेपी को मिली जीत के बाद देशभर में विपक्षी एकता की मांग होने लगी है। विपक्ष को एकजुट करने के लिए शरद यादव ने बिहार की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत की है। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का राष्ट्रीय जनता दल में विलय कर दिया है।

करीब 25 साल बाद वो एक बार फिर से लालू यादव के साथ हो गए हैं। शरद यादव ने इस दौरान कहा कि देश में मजबूत विपक्ष स्थापित करना समय की मांग है। मैं इस दिशा में न केवल बिखरी हुई तत्कालीन जनता दल बल्कि अन्य समान विचारधारा वाली पार्टियों को एकजुट करने के लिए लंबे समय से काम कर रहा हूं। इसी वजह से अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) का राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में विलय करने का फैसला किया। 

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शरद यादव ने कहा है कि बीजेपी के खिलाफ अब मजबूती से लड़ाई लड़ी जाएगी। पहले एकता जरूरी है। बीजेपी से लड़ाई में विपक्षी खेमे का नेतृत्व कौन करेगा, ये बाद का सवाल है। वो जनता दल के अपने पुराने साथियों को एकजुट करने में लंबे अर्से से लगे थे। एक मजबूत विपक्ष का होना आज वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है। अगर समय रहते ऐसा नहीं हो पाता तो ये बड़ी हार होगी। हमें अपने अहम भूलकर बीजेपी के खिलाफ मजबूत फ्रंट बनाना होगा। तभी हम 2024 में उसे शिकस्त देने में कामयाब हो पाएंगे।

उधर, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि शऱद यादव उनके लिए पिता तुल्य हैं। उनका हमारे साथ आना बहुत बड़ी कामयाबी है। राजद को अपनी लड़ाई में शरद यादव का साथ मिलने से बहुत संबल मिलेगा। तेजस्वी का कहना है कि सभी को पता है कि शरद यादव का भारतीय राजनीतिक में कितना अहम स्थान है। वो हमें गाइड करेंगे।

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आरजेडी और एलजेडी के विलय के बाद सियासी गलियारे में अटकलें है कि शरद यादव को आरजेडी के खाते से राज्यसभा जा सकते हैं। दरअसल, बिहार में इसी वर्ष जुलाई में राज्यसभा की पांच सीटें खाली होने जा रही है। सभी पार्टियों के विधायकों की संख्या के मुताबिक इनमें से दो सीटें बीजेपी की और एक सीट जेडीयू के खाते में जाएगी, जबकि बाकी दो सीटें आरजेडी के खाते में आएंगी।

बता दें कि जेडीयू से अलग होने के बाद शरद यादव ने लोकतांत्रिक जनता दल का गठन 2018 में किया था। हालांकि, पार्टी के झंडे तले कोई चुनाव नहीं लड़ा गया। बीते कई दिनों से कयास थे कि वो राजद में अपनी पार्टी का विलय कर सकता है। लेकिन नई दिल्ली में आज इस पर सहमति बनी।