चलेला जब चाप के बाबा के बुलडोजर, कमल की जगह बुलडोजर बना UP में BJP का नया प्रतीक

चुनावी रैली में सर पर बुलडोजर रख पहुंचा लड़का, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है वीडियो, यूपी चुनाव में इस बार हाथी, कमल, पंजा और साइकिल से ज्यादा बुलडोजर की है चर्चा

Updated: Feb 25, 2022, 08:41 AM IST

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार हाथी, कमल, पंजा और साइकिल से ज्यादा बुलडोजर चर्चा में है। चुनाव में बीजेपी के लिए बुलडोजर एक नया प्रतीक बनकर उभरा है। योगी सरकार जहां बुलडोजर को कानून व्यवस्था से जोड़कर लोगों के सामने रख रही है, वहीं समाजवादी पार्टी ने बुलडोजर को बीजेपी का नया चुनाव चिन्ह करार दिया है। बीजेपी समर्थक भी अब रैलियों में कमल के जगह बुलडोजर लेकर घूमने लगे हैं।

सोशल मीडिया पर ऐसा ही एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में एक बच्चे को भगवा वस्त्र पहनाया गया है। उसके सिर पर साफ़ा के साथ एक छोटा सा बुलडोजर फिक्स किया गया है। बैटरी द्वारा चलने वाले इस खिलौने का बाहरी हिस्सा भवनों को तोड़ने स्वरूप झांकी प्रस्तुत कर रहा है। बैकग्राउंड में "चलेला जब चाप के बाबा के बुलडोजर" गाना बज रहा है। बीजेपी ने भोजपुरी में इस गाने को लॉन्च किया है और रैलियों में इसे खूब बजाया जाता है। 

दरअसल, बीजेपी अपनी रैलियों में बुलडोजर दिखाकर जनता को नया संदेश देना चाह रही है। मकानों को ढाहने से लेकर निर्माण कार्यों में उपयोगी बुलडोजर को बीजेपी ने प्रचार का नया साधन बना लिया है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से राजनीतिक विरोधियों और अपराधियों के घर पर बुलडोजर चलाए जाने को बीजेपी अपनी उपलब्धि के रूप में पेश कर रही है। 

हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक जनसभा के दौरान कहा था कि अभी चुनाव का पीरियड चल रहा है तो हम भी सारे बुलडोजर का मरम्मत करवा रहे हैं। बीजेपी के बुलडोजर प्रचार का सपा ने इटावा के रैली में जवाब भी दिया है। यहां सपा के दर्जनों कार्यकर्ता बुलडोजर पर साइकिल लेकर चढ़ गए। राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत चौधरी ने भी हाल ही में ट्वीट कर कहा था यूपी को कलम चलाने की जरूरत है बुलडोजर नहीं।