आंध्र प्रदेश के सीएम जगन रेड्डी के चाचा को CBI ने किया गिरफ्तार, पूर्व सांसद की हत्या से जुड़ा है मामला

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के चाचा वाईएस भास्कर रेड्डी को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। भास्कर रेड्डी को पूर्व सांसद विवेकानंद रेड्डी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

Updated: Apr 16, 2023, 11:44 AM IST

हैदराबाद। सीबीआई ने रविवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के चाचा वाई एस भास्कर रेड्डी को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी पूर्व सांसद विवेकानंद रेड्डी की हत्या के मामले में हुई है। विवेकानंद रेड्डी आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के भाई और मौजूदा सीएम जगन मोहन रेड्डी के चाचा थे। यानी भास्कर रेड्डी पर अपने ही भाई की हत्या का आरोप है।

विवेकानंद रेड्डी पुलीवेंदुला इलाके में स्थित अपने घर में 15 मार्च 2019 को मृत पाए गए थे। उनकी हत्या प्रदेश के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हुई थी। विवेकानंद रेड्डी की हत्या का आरोप उन्हीं के भाई वाई एस भास्कर रेड्डी पर लगा है। इस मामले की शुरुआती तौर पर एसआईटी जांच कर रही थी, लेकिन बाद में जुलाई 2020 में इस केस को सीबीआई को सौंप दिया गया था।

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सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार विवेकानंद रेड्डी खुद के लिए कथित तौर पर लोकसभा का टिकट लेने की कोशिश कर रहे थे। वह काडप्पा लोकसभा सीट से अपने या जगन मोहन रेड्डी की बहन शर्मिला या जगन की मां वाईएस विजयम्मा के लिए टिकट मांग रहे थे। जांच में पता चला कि 68 वर्षीय विवेकानंद रेड्डी के घर में किसी अज्ञात व्यक्ति ने घुसकर उनकी हत्या की थी। घटना के वक्त पूर्व सांसद अपने घर में अकेले थे। 

विवेकानंद रेड्डी की लोकसभा सीट कडापा से वाईएस अविनाश रेड्डी सांसद हैं, जो कि भास्कर रेड्डी के बेटे हैं। सीबीआई ने भास्कर रेड्डी को उनके पुलिवेंदुला इलाके में स्थित आवास से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही भास्कर रेड्डी के समर्थक भारी संख्या में उनके आवास पहुंच गए। सीबीआई भास्कर रेड्डी को हैदराबाद लेकर गई, जहां उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। भास्कर रेड्डी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। 

मृतक पूर्व सांसद विवेकानंद रेड्डी की बेटी सुनीता रेड्डी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी और किसी करीबी पर हत्या का शक जताया था। बीते साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला हैदराबाद ट्रांसफर कर दिया था क्योंकि सुनीता  रेड्डी ने याचिका दायर कर आशंका जताई थी कि आंध्र प्रदेश में मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो पाएगी।