सोशल मीडिया के सख्त हुए नियम, तुरंत हटाने होंगे आपत्तिजनक कंटेंट, यूजर की जानकारी शेयर करना हुआ जरूरी
केंद्र सरकार ने आज सोशल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए नए नियम बनाए हैं, तीन महीने में नया कानून आने की संभावना

नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए दिशानिर्देश जारी कर दिए। केंद्र सरकार ने ओटीटी प्लेटफार्म के लिए तीन स्तरीय फ्रेमवर्क तैयार किया है, जिसका उन्हें पालन करना होगा। ओटीटी का रेजिस्ट्रेशन फिलहाल ज़रूरी नहीं किया गया है लेकिन उन्हें सभी जानकारियां देने के लिए कहा गया है।
केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक अब ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को अपलोड किए गए कंटेंट का क्लासिफिकेशन करना होगा। सेल्फ रेगुलेशन के तहत कंटेंट को 13+,16+ के साथ साथ A,U कैटेगरी के दायरे में लाना होगा। सोशल मीडिया के लिए जारी किए गए गाइडलाइन के मुताबिक सोशल मीडिया कंपनियों को भारत में अब एक मुख्य अनुपालन अधिकारी रखना होगा। इसके साथ ही सोशल मीडिया कंपनी को हर महीने एक मासिक कंप्लायंस रिपोर्ट जमा करनी होगी।
इसके साथ ही सोशल मीडिया कंपनी को महिला की शिकायत के बाद 24 घंटों के भीतर पोस्ट हटानी होगी। तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को केंद्र सरकार की नोटिस के 72 घंटों के भीतर कार्रवाई करनी होगी। इसके साथ ही अगर सोशल मीडिया कंपनी किसी यूजर का पोस्ट हटाती है तो इस कार्रवाई के लिए उसे यूजर को कारण बताना होगा कि आखिर किस वजह से यूज़र का पोस्ट हटाया गया है। किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को हर 6 महीने में शिकायतों और उन पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट देनी होगी, विवादित कंटेट कहां से शुरु हुआ यह भी अब सोशल मीडिया कंपनी को ज़ाहिर करना पड़ेगा।
सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए गाइडलाइन जारी करते समय केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि अखबार को प्रेस काउन्सिल के कॉड्स का अनुपालन करना पड़ता है। टेलेविज़न को भी केबल एक्ट का अनुपालन करना पड़ता है। लेकिन ओटीटी के लिए कोई गाइडलाइन नहीं है। जावड़ेकर ने कहा कि सभी प्लेटफॉर्म्स के लिए एक जैसे नियम होने चाहिए। जावड़ेकर ने कहा कि मीडिया की आज़ादी बरकरार रखी जानी चाहिए लेकिन उस आज़ादी की अपनी एक जवाबदेही होती है। और उसी आज़ादी की दायरे को ध्यान में रखते हुए यह नियम बनाए गए हैं।
बिंदुवार तरीके से जानिए गाइडलाइन
- सोशल मीडिया कंपनियों को भारत में एक मुख्य अनुपालन अधिकारी यानी चीफ कम्पलियांस अधिकारी की तैनाती करनी होगी।
- शिकायतों के निवारण के लिए भी एक कंपनियों को अलग से एक अधिकारी की पदस्थापना की होगी, जिसके देखरेख में शिकायतों का निवारण सुनिश्चित किया जाएगा। शिकायतकर्ता अधिकारी को 15 दिन के भीतर शिकायत का निपटारा करना होगा।
- सोशल मीडिया कम्पनी को मासिक रिपोर्ट देनी होगी, जिसमें कम्पनी यह बताएगी कि वह नियमों का पूर्ण रूप से पालन कर रही है।
- महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट को 24 घंटे के भीतर हटाना होगा।
- आपत्तिजनक पोस्ट कहाँ से शुरू हुआ, कम्पनी को इसकी भी जानकारी देनी होगी। मसलन, आपत्तिजनक पोस्ट सबसे पहले किस यूजर ने साझा किया इसकी जानकारी देनी होगी।
- कंपनी को हर 6 महीने में अपनी एक रिपोर्ट देनी होगी,जिसमें उसे बताना होगा कि उसने कितनी शिकायतों का निवारण किया है
- केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए नोटिस पर 72 घंटों के भीतर कार्रवाई करनी होगी
- तीन महीने के भीतर सोशल मीडिया के संचालन के लिए कानून बना दिया जाएगा