डोर टू डोर वैक्सीनेशन के लिए केंद्र से नहीं मिली सहमति, महाराष्ट्र सरकार ने की थी मांग

घर-घर जाकर कोरोना टीका लगाने की उठ रही मांग को केंद्र सरकार ने सहमति नहीं दी है, बीएमसी ने मुंबई में बढ़ते मामले को देखते हुए किया था अनुरोध

Publish: Mar 31, 2021, 05:59 AM IST

Photo Courtesy: NDTV
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मुंबई। डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन यानी घर-घर जाकर कोरोना टीका लगाने की मांग को फिलहाल केंद्र सरकार ने सहमति नहीं दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार मांग की थी कि, लोगों को डोर-टू-डोर वैक्सीन लगाई जाए। इसपर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ये इस वक्त मुमकिन है, क्योंकि, ये वैक्सीन केवल वयस्कों के लिए है और अन्य टीकाकरण कार्यक्रमों से अलग है।

डोर टू डोर टीकाकरण शुरू करने की चुनौतियों को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के सचिव राजेश भूषण ने कहा, 'यह वैक्सीन सिर्फ वयस्कों के लिए है, जो सभी के लिए चलने वाले टीकाकरण कार्यक्रम से अलग है, जिसमें भारत के पास दशकों का अनुभव है। हम अभी न सिर्फ वयस्कों के वैक्सीनेशन पर ध्यान दे रहे हैं बल्कि इसमें टीकाकरण के बाद प्रतिकूल शारीरिक घटनाएं भी हो सकते हैं। इसके लिए टीका लेने वाले शख्स को 30 मिनट तक निगरानी में रखा जाता है।' 

भूषण ने यह भी कहा अभी तक केंद्र सरकार को डोर टू डोर वैक्सीनेशन को लेकर महाराष्ट्र की ओर से कोई औपचारिक अनुरोध नहीं मिला है। बता दें कि देश भर में सबसे अधिक कोरोना के चलते महाराष्ट्र में स्थिति खराब है।  मुंबई मिरर ने 28 मार्च को अपने एक रिपोर्ट में स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के हवाले से बताया कि केंद्र ने दुर्बल वरिष्ठ नागरिकों, नेत्रहीनों और शारीरिक विकलांग लोगों के लिए डोर-टू-डोर टीकाकरण की अनुमति देने के बीएमसी के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है।

इससे पहले बीएमसी के प्रमुख इकबाल चहल ने मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान कहा था कि, 'हमने महाराष्ट्र सरकार से अनुरोध किया है कि वो केंद्र से डोर-टू-डोर टीकाकरण का अनुमति मांगी है। महाराष्ट्र में जब केंद्रीय टीम ने दौरा किया था तब भी उनसे इस बारें में अनुमति मांगी गई थी।' ज्ञात हो कि पिछले हफ्ते केंद्र और राज्य सरकारों की वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक के दौरान भी इस मुद्दे को उठाया गया था।