पहली बार सीवेज के पानी में मिला कोरोना वायरस, चंडीगढ़ के वातावरण में वायरस मौजूदगी की आशंका
चंडीगढ़ और अमृतसर के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से लिए गए थे सैंपल, इनके RTPCR टेस्ट से हुई कोरोना वायरस की पुष्टि, कोरोना की दूसरी लहर में मुंबई और लखनऊ में सीवेज में मिला था वायरस
 
                                        चंडीगढ़। चंड़ीगढ़ में पहली बार सीवेज के पानी में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। सीवेज के पानी में कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए PGI के वायरोलॉजी विभाग ने सैंपल्स की जांच की थी। यह WHO और ICMR द्वारा विभिन्न जगहों पर चलाई जा रही मुहिम का हिस्सा है। ताकि पर्यावरण में इसकी मौजूदगी का पता लगाया जा सके। PGI ने चंडीगढ़ और अमृतसर से नमूने दिसंबर में लिए थे। जिन्हें डिग्गियन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और बीआरडी प्लांट से लिया गया था। शुरुआती नमूने नेगेटिव थे, लेकिन जैसे जैसे शहर में कोरोना के मरीज बढ़े हैं, सीवेज के पानी में कोरोना वायरस मिला है। सीवेज के पानी में कोरोना की जांच चंड़ीगढ़ से इससे पहले गुराजत, मुंबई और लखनऊ में हो चुकी है। इन तीनों जगहों पर सीवेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स के सैंप्लस में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है।
अपशिष्ट जल में RNA के माध्यम से SARS-CoV-2 वायरस की उपस्थिति का पता लगाने के लिए RT-PCR मशीन पर नमूने का परीक्षण किया गया था। इसी तरह की जांच के जरिए पोलियो वायरस की पुष्टि भी सीवेज के पानी में हो चुकी है। वहीं चंडीगढ़ के बाद दिल्ली के करीब सात से आठ सीवेज साइट्स से सैंपल चंड़ीगढ़ PGI भेजे जाने की तैयारी है। ICMR और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन WHO ने देशभर के अलग-अलग शहरों से सीवेज के पानी में कोविड 19 वायरस का पता लगाने के लिए सीवेज सैंपल जुटाए जा रहे हैं।
दरअसल सीवेज के पानी में कोरोना वायरस मिलने की वजह कोरोना मरीजों का स्टूल है। बीमार लोगों का स्टूल सीवेज में आ जाता है। 50फीसदी मरीजों के स्टूल में भी वायरस पहुंचता है। सीवेज के पानी में वायरस मिलने से इस बात की पुष्टि कतई नहीं होती है कि इनसे कोरोना संक्रमण फैलेगा या नहीं, यह अभी रिसर्च का विषय है। विशेषज्ञों का मानना है कि एक परिवार से के सारे पैथोजन एक ही तरह से रिएक्शन करते हैं। जिसमें लीकेज से कोरोना संक्रमण बढ़ सकता है। वायरस पानी की फुहारों के जरिए हवा में फैल सकता है। इस प्रक्रिया को शॉवरहेड्स एयरोसोल ट्रांसमिशन कहते हैं। वायरस गंदे या अशुद्ध पानी में लंबे वक्त तक जिंदा रह सकता है।
देश में कोरोना वायरस की पर्यावरण में मौजूदगी का पता लगाने के लिए यह टेस्टिंग की जा रही है। देश में कोरोना की तीसरी लहर घातक हो रही है। बीते 24 घंटों में 2 लाख 47 हजार 418 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। जबकि 84,592 मरीज ठीक हुए हैं। महामारी ने 380 लोगों की जान ले ली है। भारत में कोरोना एक्टिव मरीजों की संख्या 11.17 लाख है। अब तक देश में 157.36 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है।




 
                             
                                   
                                 
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
                                    
                                 
                                     
                                     
                                     
								 
								 
								 
								 
								 
 
 
								 
								 
								 
								