Chandni Chowk: निखर जाएगी दिल्ली के दिल की सूरत
Chandni Chowk New Look: गाड़ियों और शोर से भरे चांदनी चौक होगा ट्रैफिक फ्री जोन, जर्मनी के राजदूत ने साझा किया वीडियो

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली का दिल कहे जाने वाले विख्यात चांदनी चौक इलाके में इतनी भीड़ होती है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। ऐतिहासिक इमारतों और बाजारों से सजा ये इलाका शहर की व्यापारिक गतिविधि का केंद्र है। कोरोना काल में तो हालांकि यहां भीड़ नहीं लग रही है लेकिन आम दिनों में यह इलाका सुबह से शाम तक ट्रैफिक जाम का शिकार रहता है। जल्द ही चांदनी चौक की काया बदलने वाली है।
भारत में जर्मनी के राजदूत वाल्टर जे लिंडनर ने एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें वे दिखा रहे हैं कि चांदनी चौक को किस तरह बदला जा रहा है। लिंडनर ने 31 जुलाई की सुबह खाली पड़े चांदनी चौक का वीडियो डालते हुए लिखा, “क्या आप इन रास्तों को पहचानते हैं? एक समय कार, रिक्शा और शोर से भरे रहने वाले इस इलाके को नया रूप देकर ट्रैफिक मुक्त जोन में बदला जा रहा है।”
लिंडनर द्वारा डाले गए वीडियो में देखा जा सकता है कि कोरोना की वजह से चांदनी चौक के रास्ते खाली हैं और वहां मजदूर काम कर रहे हैं।
Do you recognize this walkway? Yes, it’s Delhi’s iconic #chandnichowk. Once full of cars, rikshaws & noise, it is getting a facelift & being turned into a traffic-free zone! A great transforms & initiave expected to be completed by November. ???????????????? pic.twitter.com/2ZDz4Zwcf4
— Walter J. Lindner (@AmbLindnerIndia) July 31, 2020
इस पहल की सरहाना करते हुए लिंडनर ने आगे लिखा, “हमें इसका समर्थन करना चाहिए क्योंकि यह पहल दिल्ली शहर को रहने योग्य और आनंददायक बनाती है। अधिक हरा भरा माहौल, साफ हवा और कम शोर। मेरे विचार में ये बढ़िया कदम है, इसलिए मैं आप सबको दिखाना चाहता था कि ये कैसे हो रहा है।”
इससे पहले जुलाई में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चांदनी चौक पुनर्विकास परियोजना के तहत मुख्य क्षेत्र को नवंबर के पहले सप्ताह से खोले जाने की संभावना है। उन्होंने बताया कि इलाके की सड़कों पर सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक केवल नॉन-मोटराइज्ड वाहन ही चलेंगे। केजरीवाल ने यह भी कहा कि इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद यहां देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ जाएगी।
चांदनी चौक पुनर्विकास परियोजना के तहत 90 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से लाल किले से फतेहपुरी मस्जिद तक के मार्ग का नवीकरण किया जाना है। पहले यह मई महीने में खोला जाना था, लेकिन कोरोना वायरस संकट के कारण इसमें देरी हुई।