कांग्रेस ने केंद्र सरकार को बताया अस्थिरता और अपरिपक्वता का प्रतीक, कहा- मोदी के पास कोई विजन नहीं
मोदी के पास देश की समस्याओं के लिए ना कोई समाधान है, ना कोई विज़न, समस्याओं से मुंह मोड़ना उनकी आदत, तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर बोली कांग्रेस
नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे कर लिए हैं। मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर कांग्रेस ने जोरदार हमला बोला है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार को अस्थिरता और अपरिपक्वता का प्रतीक करार देते हुए कहा कि मोदी के पास देश की समस्याओं के लिए ना कोई समाधान है, ना कोई विज़न है। समस्याओं से मुंह मोड़ना उनकी आदत है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि यह 100 दिन देश के किसानों, युवाओं, महिलाओं, इंफ्रास्ट्रक्चर, रेलवे, अमन शांति के लिए बहुत भारी पड़े हैं। इन सौ दिनों ने यह साबित कर दिया है कि मोदी के पास देश की समस्याओं के लिए ना कोई समाधान है, ना कोई विज़न, समस्याओं से मुँह मोड़ना और रणछोड़ के भागना आज भी उनकी आदत है। 100 दिन में सरकार का हर पल अस्थिरता, अनिर्णायकता और अपरिपक्वता का प्रतीक है। इन 100 दिनों में पंचर गुब्बारे में हवा भरने की खूब कोशिश हुई, लेकिन जनता ने लोकसभा चुनाव में जो कील चुभाई थी, उसने नरेन्द्र मोदी को दोबारा फूलने का कोई मौका ही नहीं दिया।
श्रीनेत ने आगे कहा, 'चुनाव प्रचार के दौरान याद है आपको वो बड़े बड़े दावे कि नरेंद्र मोदी तो पहले 100 दिन का प्लान बना रहे हैं- कहाँ है वो प्लान? क्योंकि पहले से दिन में मोदी एक कमज़ोर, बैसाखियों पर आश्रित प्रधानमंत्री साबित हुए हैं जिन्होंने यू टर्न पर यू टर्न करने के नये कीर्तिमान स्थापित किए हैं।
यू टर्न सरकार
* लेटरल एंट्री
* ब्रॉडकास्ट बिल
* वक्फ बोर्ड बिल
* इंडेक्सेशन
* NPS से UPS
पटरी से उतरी भारतीय रेल
* ट्रेन हादसे: 38
* मौतें: 21
घायल: 112+
कंचनजंगा ट्रेन हादसा से लेकर आयदिन होने वाले रेल हादसे, शायद ही कोई दिन होगा जो बिना किसी ट्रेन के पटरी से उतर जाने के बीतता है। रेल मंत्री इन हादसों को छोटी घटना बता कर रील बनाने में व्यस्त हैं।
ध्वस्त इंफ्रास्ट्रक्चर, भ्रष्टाचार की खुली पोल
* 56 बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट - एयरपोर्ट, पुल, सड़क, मूर्तियाँ जिनका अभी हाल ही में उद्घाटन हुआ, वो ध्वस्त हुआ
* जबलपुर एयरपोर्ट से लेकर दिल्ली और राजकोट का एयरपोर्ट जो एक बारिश ना झेल पाया
* शिवाजी की मूर्ति 8 महीने में ही खंडित हो गई
* नये संसद की टपकती छत और नीचे बाल्टी में गिरता पानी विफलताओं का प्रमाण
* श्री राम मंदिर के गर्भ गृह में टपकता पानी
* 18,000 करोड़ की लागत से बने अटल सेतु में दरारें
* गुजरात के सुदर्शन सेतु का उद्घाटन फ़रवरी 2024 में हुआ, दरार और गढ्ढे
आतंकी घटनाओं से दहला जम्मू कश्मीर
* आतंकी हमले: 26
* शहीद सैनिक: 21
* घायल सैनिक: 29
* नागरिकों की मौत: 15
* घायल नागरिक: 47
* आतंकी हमले अब जम्मू में हो रहे हैं - ठप्प क़ानून व्यवस्था
महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध बढ़ा
* अपराध: 104
* पीड़िताओं की संख्या: 157
पेपर लीक / रद्द परीक्षाओं से युवा परेशान
* NEET परीक्षा में में धांधली, पेपर लीक
* UGC NET पेपर लीक
* CSIR NET परीक्षा स्थगित
* NEET PG परीक्षा स्थगित
ख़स्ताहाल अर्थव्यवस्था
* रुपया में ऐतिहासिक गिरावट. 82.75/$ (9 जून) आज 83.92/$ (16 सितंबर)
* विदेशी निवेश (FDI) 43% नीचे
* बेरोज़गारी ने 8 महीने का रिकॉर्ड तोड़ा
महंगाई की मार और बढ़ी
* टोल टैक्स 15% बढ़ा
* CNG का दाम बढ़ा
* कमर्शियल LPG दाम बढ़ा
* आटा, दल, दूध महँगा हुआ
* मिडल क्लास पर LTCG, Indexation की मार
SEBI अडानी महाघोटाले की नई परतें
* पिछले 100 दिनों में आपके परममित्र अडानी के घोटाले एक बार फिर सामने आये हैं। इस बार तो मार्केट रेगुलेटर SEBI प्रमुख माधबी बुच के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के, कॉन्फ़्लिक्ट ऑफ़ इंटरेस्ट के, अपने पद और प्रभाव के दुरुपयोग के संगीर्ण मामले सामने आये हैं। लेकिन आप चुप हैं, आख़िर क्यों बचा रहे हैं आप माधबी बुच को, ऐसा कौन सा राज़ है जिसके खुलने का आपको डर है?
लद्दाख में चीनी अतिक्रमण पर खामोशी
* चीन के अतिक्रमण को लेकर लद्दाख के चरवाहे बार बार आपको आगाह करते रहे और आपने एक ना सुनी। लेकिन अब लद्दाख से हज़ारों लोग दिल्ली की ओर मार्च कर हैं - अब क्या करियेगा? उनके भी रास्तों में क़िले गड़वाइएगा, रास्ते खुदवाइयेगा? क्योंकि चीन का नाम तो लेने की आपकी हिम्मत नहीं है।
मणिपुर को जलने के लिए छोड़ दिया
* 16 महीनों से मणिपुर जल रहा है, हिंसा फिर से भड़क उठी है
* हिंसा में ड्रोन, रॉकेट और RPG का इस्तेमाल हो रहा है
* पिछले 2 हफ़्ते में 12 लोगों की मौत हुई है
* सुरक्षा बलों पर हमला हुआ है
* लेकिन नरेंद्र मोदी के पास मणिपुर जाने वक़्त नहीं है
* शायद यह अपेक्षा करना भी बेमानी है - जब 16 महीनों से नहीं गये तो अब 100 दिन में कहाँ जाते
श्रीनेत ने आगे कहा कि लोकसभा चुनावों के दौरान नरेंद्र मोदी ने 100 दिन के एजेंडे की बात महज़ लफ़्फ़ाज़ी थी, जैसे बाक़ी जुमले थे, ये भी एक जुमला ही था। सच बात तो यह है कि अब उनके पास न कोई प्लान है, न कोई विजन है और न ही कोई अजेंडा। अगर कुछ है तो दो बैसाखियों के सहारे येन-केन-प्रकारेण कुर्सी से चिपके की लालसा और अपने A-1 और A-2 के तिजोरियाँ भरने के हर तिकड़म करना, चाहे भले की कितनी एजेंसियों को चौपट करना पड़े।