ऊंट के मुंह में जीरा जैसा राहत पैकेज : विपक्ष

कोविड-19 के मद्देनजर लाए गए आर्थिक पैकेज की आलोचना करते हुए सीपीएम और कांग्रेस ने इसे 'अपर्याप्त' बताया है. साथ ही पार्टियों ने कहा कि सरकार ने पैकेज लाने में 'देरी कर दी और ये बेहद कम है.'

Publish: Mar 28, 2020, 12:35 AM IST

finance minister nirmala sitharaman
finance minister nirmala sitharaman

नई दिल्‍ली।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कोविड-19 के मद्देनजर लाए गए आर्थिक पैकेज की आलोचना करते हुए सीपीएम और कांग्रेस ने इसे 'अपर्याप्त' बताया है. साथ ही पार्टियों ने कहा कि सरकार ने पैकेज लाने में 'देरी कर दी और ये बेहद कम है.' राहुल गांधी ने पैकेज को सरकार द्वारा सही दिशा में लिया गया पहला कदम बताया तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने इसे 'मामूली योजना' बताया.

 

 

पी चिदंबरम ने ट्विटर पर लिखा, 'मुझे खुशी है कि सरकार ने आज एक वित्तीय कार्य योजना की घोषणा की है, जो 10 सूत्रीय योजना के कुछ तत्वों को दर्शाती है जिसे मैंने कल सामने रखा था. मैं एक सतर्क स्वागत करता हूं. यह एक मामूली योजना है. उचित समय में, सरकार को यह महसूस करना होगा कि इसे और अधिक करना चाहिए.'

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पैकेज में बदलाव करने की मांग करते हुए कहा कि गरीबों के लिए एलान किए गए आटा और चावल की मात्रा अपर्याप्त है. सुरजेवाला ने कटाई और खरीद को अनिवार्य सेवा के तौर पर सूचित करने की भी मांग की.

https://twitter.com/INCIndia/status/1243194748992663553

सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि ये पैकेज अपर्याप्त है.

मनरेगा की दिहाड़ी में 20 रुपये की वृद्धि को येचुरी ने मजाक करार दिया और कहा कि 'फिलहाल कोई काम नहीं हो रहा है. इस वक्त डायरेक्ट कैश ट्रांसफर की जरुरत है.'

https://twitter.com/SitaramYechury/status/1243153365283958784

सुरजेवाला ने कहा कि किसानों को पीएम-किसान अकाउंट के जरीए एक अप्रैल को 2000 रुपये की राशि दी जाएगी. लेकिन माननीय प्रधानमंत्री अपकी घोषणा के अनुसार किसानों को पीएम-किसान योजना के तहत 6000 रुपये दिए जाने थे. ऐसे में 4000 रुपये क्यों काटे गए?' सुरजेवाला ने किसानों को एक अप्रैल को 6000 रुपये की राशि देने की मांग की.

334 लाख हेक्टेयर पर गेंहू की फसल कटाई के लिए तैयार है. सुरजेवाला ने कहा कि किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि अनाज मंडी बंद है और फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया अब तक खरीद के लिए सामने नहीं आया है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि 'अगर 15 अप्रैल तक फसल की कटाई नहीं शुरू हुए तो किसानों की 40 फीसदी तैयार फसल बरबाद हो जाएगी, जिससे वो कभी नहीं उभर पाएंगे.'

येचुरी ने मांग की कि तमाम जन धन खाताधारकों और बीपीएल परिवारों को अगले तीन महीने तक डायरेक्ट ट्रांसफर के जरिए 5000 रुपये प्रति माह दिया जाए.