Corona Vaccine: भारत में वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल शुरू
Covaxine: वैक्सीन बनने की प्रकिया में तीसरे चरण का ट्रायल अंतिम, भारत में इस समय तीन कोरोना वायरस वैक्सीन की जा रही है विकसित

नई दिल्ली। भारत में विकसित की जा रहीं संभावित कोरोना वायरस वैक्सीन में से एक का तीसरे चरण का ट्रायल शुरू हो गया है। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने 18 अगस्त को यह जानकारी दी है। हालांकि, उन्होंने तीसरे चरण के ट्रायल में जाने वाली इस वैक्सीन का नाम नहीं बताया।
पॉल ने कहा, “जहां तक कोरोना वायरस वैक्सीन की बात है, प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर देश को आश्वस्त किया है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारत में तीन वैक्सीन विकसित की जा रही हैं। उनमें से एक आज या कल से तीसरे चरण के ट्रायल शुरू करेगी।”
उन्होंने यह भी बताया कि बाकी की दो वैक्सीन ट्रायल के पहले और दूसरे चरण में हैं।
भारत में दो वैक्सीन विकसित की जा रही हैं और वे अभी ह्यूमन ट्रायल के चरणों से गुजर रही हैं। इनमें से एक का नाम कोवैक्सीन है और दूसरे का ZyCoV-D। कौवैक्सीन को भारत बायोटेक, आईसीएमआर पुणे के नेशनल वॉयरोलॉजी इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित किया जा रहा है। कोवैक्सीन ने पिछले महीने ही ट्रायल का पहला चरण पूरा किया है और इसने दूसरे चरण के तहत ह्यूमन ट्रायल शुरू कर दिए हैं। देश के 12 स्थानों पर यह ट्रायल हो रहे हैं।
वहीं दूसरी वैक्सीन को जाइडस कैडिला द्वारा विकसित किया जा रहा है। इस बीच पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ने ऑक्सफोर्ड विश्विद्यालय विकसित की जा रही वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल शुरू कर दिए हैं।
दुनिया में अब तक आठ संभावित वैक्सीन तीसरे चरण के ट्रायल में पहुंच चुकी हैं। ये ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, मॉडर्ना, फाइजर बायोनटेक, बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉ़जिकल प्रोडक्ट्स, वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स, साइनोवैक, कंसीनो और स्पुतनिक-V द्वारा विकसित की जा रहीं वैक्सीन हैं।
रूस के स्पुतनिक-V द्वारा विकसित की जा रही वैक्सीन को कुछ शर्तों के साथ रजिस्ट्रेशन की मंजूरी दी जा चुकी है। वहीं साइनोवैक ने वैक्सीन को पेटेंट कर सैन्य उपयोग की अनुमति दे दी है।