वैक्सीन की बर्बादी में भारत अव्वल! 11 अप्रैल तक 45 लाख डोज हुआ बर्बाद, RTI में खुलासा

देश में वैक्सीन की बर्बादी करने वाले राज्यों में तमिलनाडु, हरियाणा, पंजाब, मणिपुर और तेलंगाना सबसे आगे, RTI में आया चौंकाने वाला जवाब

Updated: Apr 20, 2021, 09:13 AM IST

Photo Courtesy: The Indian Express
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नई दिल्ली। कोरोना के खतरनाक नए स्ट्रेन ने भारत में कोहराम मचा रखा है। देशभर से वैक्सीन की किल्लत की खबरें चिंताजनक हैं। इसी बीच एक आरटीआई के जवाब में हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। आरटीआई के जरिए मिली जानकारी के मुताबिक भारत में 11 अप्रैल तक करीब 45 लाख डोज बर्बाद हो चुके हैं। वैक्सीन को बर्बाद करने के मामले में तमिलनाडु और हरियाणा सबसे आगे हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक देश में 11 अप्रैल तक कुल 45 लाख 78 हजार वैक्सीन के डोज बर्बाद हुईं हैं। इनमें कोवैक्सीन और कोविशिल्ड दोनों तरह के वैक्सीन शामिल हैं। सबसे ज्यादा वैक्सीन बर्बाद करने वाला राज्य तमिलनाडु है। यहां 11 अप्रैल तक 12.10 फीसदी वैक्सीन खराब हो चुकी है। तमिलनाडु के बाद 9.74% बर्बादी के साथ दूसरे स्थान पर हरियाणा है। तीसरे स्थान पर 8.12% बर्बादी के साथ के पंजाब है। चौथे स्थान पर 7.80% बर्बादी के साथ मणिपुर और पांचवें नंबर पर 7.55% फीसदी वैक्सीन बर्बाद करने वाला तेलंगाना है।

इस बीच एक अच्छी खबर ये है कि देश में कई राज्य और केंद्रशासित प्रदेश ऐसे भी हैं जहां एक भी डोज बर्बाद नहीं हुआ है। आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक केरल, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम, गोवा, दमन एंड दीव, अंडमान एंड निकोबार आईलैंड और लक्षद्वीप में वैक्सीन के एक भी डोज बर्बाद नहीं हुए हैं। वर्तमान में देश में 45 साल से ऊपर के लोगों को टीका लगाया जा रहा है। 1 मई के बाद केंद्र सरकार ने 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन लगवाने की अनुमति दे दी है।

किस राज्य में कितने डोज वैक्सीन बर्बाद

आंध्र प्रदेश: 1,17,733
असम: 1,23, 818
बिहार: 3,37,769
छत्तीसगढ़: 1.45 लाख
दिल्ली: 1.35 लाख
गुजरात: 3.56 लाख
हरियाणा: 2,46,462
जम्मू-कश्मीर: 90,619
झारखंड: 63,235
कर्नाटक: 2,14,842
लद्दाख: 3,957
मध्य प्रदेश: 81,535
महाराष्ट्र: 3,56725
मणिपुर: 11,184
मेघालय: 7,673

नागालैंड: 3,844

ओडिशा: 1,41,811

पुडुचेरी: 3,115
पंजाब: 1,56,423
राजस्थान:6,10,551
सिक्किम: 4,314
तमिलनाडु : 5,04,724
तेलंगाना: 1,68,302
त्रिपुरा: 43,292
उत्तर प्रदेश: 4,99,115
उत्तराखंड: 51,956