शिमला में कोरोना से मरने वालों की अस्थियां नहीं ले जा रहे परिजन

Himachal Pradesh: शिमला के कनलोग मोक्ष धाम के लॉकर में 65 लोगों के अस्थि कलश पड़े हैं, परिजनों को फोन कर अस्थियां ले जाने को कहा जा रहा है

Updated: Dec 05, 2020, 10:08 PM IST

Photo Courtesy: BBC
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर लोगों में कोरोना का खौफ देखने को मिल रहा है। आलम यह है कि कोरोना से मरने वालों के परिजन उनकी अस्थियां लेने के लिए भी नहीं आ रहे हैं। शिमला के कनलोग मोक्ष धाम के लॉकर में 65 लोगों के अस्थि कलश पड़े हैं। लेकिन परिजन उन्हें लेने से कतरा रहे हैं।

शिमला के कनलोग में मोक्ष धाम की देख रेख सूद सभा करती है। सभा के अध्यक्ष संजय सूद ने कहा कि मोक्ष धाम में हर रोज चार से पांच कोरोना के मरीजों का दाह संस्कार किया जाता है। यहां के कर्मचारी परिजनों को फोन कर रहे है, लेकिन कोई अस्थियां लेने नहीं आ रहा है। लोग अस्थियां लेने से डर रहे हैं। इन हालात में सूद सभा ने यहां रखी 65 लोगों की अस्थियों का सामूहिक विसर्जन करने का फैसला किया है। जिला प्रशासन को इसके बारे में पहले सूचना दी जाएगी।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब तक किसी इंसान की अस्थियों को बहाया नहीं जाता, तब तक उस इंसान को मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती। लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप की वजह से लोगों के मन में डर इस कदर घर कर गया है कि वे धार्मिक मान्यताओं की अनदेखी करते हुए अस्थि विसर्जन के अस्थियां लेने को भी तैयार नहीं हैं।

बता दें कि शिमला में कोरोना वायरस से अब तक 171 लोगों की जान जा चुकी है। प्रदेश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 43,500 हो गई है जिसमें एक्टिव केस 8,300 हैं। 34458 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। वहीं कोरोना वायरस से 700 मरीजों की मौत हो चुकी है।