सभी के लिए फ्री नहीं होगा कोरोना टेस्ट

सुप्रीम कोर्ट ने पहले कहा था कि सभी सरकारी और प्राइवेट लैबों में कोरोना का टेस्ट फ्री में होगा लेकिन नए आदेश में कहा है कि फ्री टेस्ट केवल गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लोगों का ही होगा।

Publish: Apr 14, 2020, 11:15 AM IST

निजी लैब में कोविड 19 की मुफ्त जांच को लेकर पिछले सप्ताह दिए गए अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने संशोधन किया है। पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए देश की निजी प्रयोगशालाओं को फ्री में कोविड 19 की जांच करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने अब आयुष्मान भारत योजना के तहत पात्र लोगों को मुफ्त कोविड 19 जांच की सुविधा देने की बात कही है। साथ ही समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबकों को चिन्हित कर उन्हें भी मुफ्त जांच की सुविधा देने के लिए कहा है।

सोमवार को दो जजों अशोक भूषण और एस रविंद्र भट की बेच ने इस फैसले में संशोधन करते हुए आदेश दिया है कि जो लोग टेस्ट के लिए 4500 रुपये नहीं दे सकते केवल उन्हें ही निजी लैब में मुफ्त जांच की सुविधा दी जाए। इस संबंध में दिशा निर्देश जारी करने के लिए कोर्ट ने सरकार को एक हफ्ते का समय दिया है।

कोर्ट ने पूरे मामले में सरकार से एक स्पष्ट गाइड लाइन देने को कहा है, जिससे कि निजी प्रयोग शालाओं को मुफ्त जांच का वित्तीय बोझ न उठाना पड़े और सरकार द्वारा निजी लैब में कई गई जांच के खर्च की प्रतिपूर्ति की जा सके। इससे पहले 8 अप्रैल को न्यायधीशों ने वकील शशांक देव सुधी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए निजी लैब को कोविड 19 की फ्री में जांच करने का आदेश दिया था। सुधी की याचिका में कहा गया था कि सरकारी अस्‍पतालों में भीड़ अधिक होने के कारण लोगों को निजी लैब में जांच के लिए जाने को कहा जा रहा है। उनके तर्क से सहमत होकर जजों ने फ्री जांच का आदेश दिया था।

हालांकि, दो जजों की बेंच ने दिल्ली के एक डॉक्टर की इस दलील पर की ये फैसला निजी लैब को हतोत्साहित और देश मे कोरोना जांच की क्षमता को प्रभावित करेगा, के बाद इस मामले की सुनवाई करने का निर्णय लिया। आइसीएमआर ने भी कोर्ट से अपने आदेश में संशोधन की अपील की थी। जबकि शुरू में आइसीएमआर ने ही निजी लैब से बिना शुल्क लिए लोगों की जांच करने को कहा था।