लॉ स्टूडेंट रेप केस में कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद को निर्दोष पाए जाने पर किया बरी, दो साल पहले लगा था यौन शोषण का आरोप

यूपी की MP-MLA कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद को सभी आरोपों से बरी किया, कोर्ट ने गवाहों के बयान से मुकरने के बाद दिया फैसला, गए, छात्रा और उसके तीन साथी भी रंगदारी मांगने के आरोप से बरी

Updated: Mar 27, 2021, 10:50 AM IST

Photo Courtesy: twitter
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लखनऊ। आखिरकार दो साल बाद पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद यौन शोषण मामले में बरी हो गए हैं। चिन्मयानंद पर उनके ही कॉलेज की लॉ स्टूडेंट ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। साल 2019 से इस मामले की जांच हो रही थी। SIT इस मामले की जांच कर रही थी। जिसके बाद कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद को यौन शोषण के आरोप से बरी कर दिया था। वहीं कोर्ट ने 5 करोड़ की रंगदारी मांगने वाली छात्रा और उसके तीन दोस्तों को भी बाइज्जत बरी कर दिया गया। छात्रा और उसके साथियों पर पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद से 5 करोड़ की रंगदारी मांगने का आरोप था।

26 मार्च को MP-MLA कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए स्वामी चिन्मयानंद को सभी आरोपों से बरी कर दिया। छात्रा को बंधक बनाने के केस में भी चिन्मयानंद और उनके साथी बरी हो गए हैं। कोर्ट का कहना है कि सभी गवाहों ने कोर्ट में अपना बयान बदल दिया है, गवाह बयान से मुकर गए हैं, जिसके बाद स्वामी चिन्मयानंद को बरी किया जा रहा है। गौरतलब है कि जिस लॉ स्टूडेंट ने चिन्मयानंद के ख़िलाफ रेप का आरोप लगाते हुए केस दर्ज करवाया था वह भी एक साल बाद 2020 में ही अपने बयान से मुकर गई थी।

दरअसल चिन्मयानंद के लॉ कॉलेज की छात्रा ने 22 अगस्त 2019 को सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया था। उसने चिन्मयानंद से अपनी जान को खतरे की बात कही थी। फिर वह लापता हो गई थी। जिसके बाद उसके पिता ने 28 अगस्त 2019 को थाने में स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ अपहरण और जान मारने की धमकी का केस दर्ज करवाया था।

वहीं पिता की शिकायत पर पुलिस ने लॉ कालेज की छात्रा को उसके दोस्त के साथ राजस्थान के एक होटल से बरामद कर लिया था। और फिर छात्रा को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश देने पर उत्तर प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा SIT का गठन हुआ और हाईकोर्ट की निगरानी में SIT ने मामले की विस्तार से जांच की। इस दौरान SIT को कई वीडियो मिले थे। जिसमे वह छात्रा चिन्मयानंद की मालिश करते दिखाई दी थी। उसने स्पाय कैमरे से चिन्मयानंद की तेल मालिश का वीडियो बनाया था। 

 

वहीं दूसरी तरफ छात्रा और उसके दोस्तों ने चिन्मयानंद से 5 करोड़ की मांग की थी, औऱ कहा था कि अगर वे रंगदारी नहीं देते तो वे चिन्मयानंद के अश्लील वीडियो वायरल कर देंगे। इस रंगदारी के केस में भी पुलिस ने 29 अगस्त 2019 को लॉ कॉलेज की छात्रा और उसके तीन साथियों पर केस दर्ज कर लिया था।

इस मामले में 5 सितंबर 2019 को लॉ स्टूडेंट ने दिल्ली के लोधी रोड पुलिस स्टेशन में 12 पेज की FIR दर्ज कराई थी। जिसके बाद चिन्मयानंद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। कड़ा एक्शन लेते हुए उन्हें बीजेपी ने पार्टी से निकाल दिया था। वहीं SIT ने लॉ स्टूडेंट और उसके तीनों दोस्तों को भी रंगदारी मांगने के आरोप में न्यायिक हिरासत भेजा था, बाद में उन्हें भी जमानत मिल गई थी।

वहीं पिछले साल 3 फरवरी 2020 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चिन्मयानंद को भी जमानत दे दी थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह केस लखनऊ की MP-MLA स्पेशल कोर्ट को भेज दिया था। वहां लॉ स्टूडेंट अपने बयान से मुकर गई और कहा कि चिन्मयानंद पर उसने किसी तरह के यौन शोषण का कोई आरोप नहीं लगाया है। उसका दावा था कि उससे जबरन ऐसा करने पर मजबूर किया गया था। अब इस मामले में लखनऊ की MP-MLA स्पेशल कोर्ट ने सभी को बाइज्जत बरी कर दिया है।