Unlock 4.0: बढ़ते मामलों के बीच कैसे चलेगी दिल्ली मेट्रो, क्या-क्या बदलेगा

Delhi Coronavirus: दिल्ली में फिर से बढ़ रहे हैं कोरोना वायरस के मामले, दिल्ली मेट्रो में टोकन सुविधा से लेकर बैठने की व्यवस्था में होगा बड़ा बदलाव

Updated: Aug 31, 2020, 05:14 AM IST

Photo Courtesy: India Today
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नई दिल्ली। अनलॉक 4.0 के तहत अब सात सितंबर से मेट्रो चलने जा रही हैं। मेट्रो को चरणबद्ध तरीके चलाया जाएगा। शुरुआती दौर में सरकारी कर्मचारियों को ये सुविधा मिलेगी। बाद में आम लोगों के लिए भी मेट्रो के दरवाजे खुलेंगे। शुरुआती दौर में खासतौर पर सावधानी बरती जाएगी, खौसतौर पर जब दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। आम लोगों के लिए बाद में दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे। हालांकि, डीएमआरसी ने मई में ही ये दिशा निर्देश ड्राफ्ट कर लिए हैं। 

बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए स्टेशन पर टोकन सुविधा और कैश लेन देन पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा। इसलिए अब यात्रियों को मेट्रो स्मार्ट कार्ड का ही प्रयोग करना पड़ेगा। मेट्रो कार्ड रिचार्ज करने के लिए पूरी तरह से क्रेडिट-डेबिट कार्ड और डिजिटल लेनदेन पर भी निर्भर रहना पड़ेगा। 

प्रत्येक यात्री की थर्मल स्क्रीनिंग होगी। टॉयलेट पहले के मुकाबले ज्यादा साफ किए जाएंगे। स्टेशनों पर सैनेटाइजेशन जल्दी जल्दी होगा और लिफ्ट में एक बार में दो से अधिक लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी वहीं मेट्रो के अंदर एक सीट खाली छोड़ी जाएगी। कोच के अंदर खड़े यात्रियों को एक दूसरे से कम से कम एक मीटर की दूरी बनानी होगी। 

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बढ़ रहे मामलों के बीच मेट्रो चलाना जरूरी क्यों

दिल्ली में एक बार फिर से कोरोना वायरस मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। कुछ दिन ही हुए हैं, जब राष्ट्रीय राजधानी में हर दिन एक हजार से कम मामले सामने आ रहे थे। लेकिन 29 अगस्त को शहर में कोरोना के लगभह दो हजार मामले सामने आए हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जब कोरोना वायरस के मामले कम आ रहे थे तब अगर मेट्रो नहीं चलाई गई, तो अब बढ़ते मामलों के बीच इसे क्यों चलाया जा रहा है। 

इस सवाल का जवाब खोजने के लिए हमने डीएमआरसी के एक अधिकारी से बात की। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन प्रतिबंध हट जाने के बाद से बाजार और दुकानें तो खुल गई हैं लेकिन लोगों के पास आवागमन की सुविधा ना हो पाने से खरीददारी कम हो रही है। ऐसे में व्यापार तेजी नहीं पकड़ पा रहा है। 

अधिकारी ने बताया कि दिल्ली मेट्रो को शहर की लाइफलाइन कहा जाता है। मेट्रो के चलने से यात्री और खरीददार आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान जा पाएंगे और व्यापार को गति मिलेगी।