आषाढ़ी एकादशी पर पंढरपुर पहुंचे दिग्विजय सिंह, ब्रह्म मुहूर्त में भगवान विट्ठोबा के किए दर्शन

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सन 1992 से लगातार आषाढ़ी एकादशी पर पंढरपुर यात्रा में वारकरी के रूप में शामिल होते हैं।

Updated: Jul 17, 2024, 10:19 AM IST

सोलापुर। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह बुधवार को आषाढी एकादशी के मौके पर पश्चिमी महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में स्थित पंढरपुर पहुंचे। यहां उन्होंने ब्रह्म मुहूर्त में भगवान विठ्ठल और देवी रुक्मिणी के दर्शन कर देश में खुशहाली की कामना की। 

दिग्विजय सिंह का विट्ठोबा में प्रगाढ़ आस्था है और यही कारण है कि वे सन 1992 से लगातार आषाढ़ी एकादशी पर पंढरपुर यात्रा में वारकरी के रूप में शामिल होते हैं। विट्ठोबा जी के दर्शन के लिए आषाढी एकादशी पर लाखों श्रद्धालु वारकरी पैदल चल कर पंढरपुर पहुँचते हैं। अनुमान है कि इस बार करीब 25 लाख लोग पैदल यात्रा कर विट्ठोबा के दर्शन करने पहुंचे हैं। 

बताया जाता है कि अच्छी बारिश और किसानों की अच्छी फसल की कामना के लिए ये यात्रा की जाती है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जी के पूर्वज रामानंदी संप्रदाय के प्रमुख संत पीपा जी महाराज की भगवान पंढरीनाथ पर प्रगाढ़ आस्था थी। वे हमेशा पंढरपुर वारी में शामिल होते थे। पूर्व सीएम अपने पूर्वज संत पीपा जी महराज का अनुसरण करते हुए उनकी आस्था और परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं। वे 1992 से लगातार हर वर्ष पंढरपुर यात्रा में वारकरी के रूप में शामिल होते हैं।

पंढरपुर महाराष्ट्र का एक सुविख्यात तीर्थस्थान है। भीमा नदी के तट पर बसा यह तीर्थस्थल सोलापुर जिले में स्थित है जहां भगवान विठ्ठल और देवी रुक्मिणी का प्रसिद्ध मंदिर है। भगवान विठ्ठल स्वामी के भक्तों को वारकरी कहा जाता है। वारकरी यात्रा महाराष्ट्र की सबसे पुरानी और सबसे अहम यात्रा परंपरा है। करीब एक हजार साल से चली आ रही इस वारकरी परंपरा की शुरुआत संतों ने की थी और बाद में आम जनता उसमें जुड़ती गई।