गुरु को भगवान घोषित कराने सर्वोच्च अदालत पहुंचा शिष्य, सुप्रीम कोर्ट ने लगाया एक लाख रुपए जुर्माना

याचिका लगाने वाला उपेंद्र नाथ दलाई, श्रीश्री अनुकूल चंद्र ठाकुर का शिष्य है। उसकी मांग थी कि श्रीश्री ठाकुर के धर्म-समाज में योगदान को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट उन्हें परमात्मा मानने का निर्देश दे।

Updated: Dec 05, 2022, 12:35 PM IST

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट से सोमवार को एक अजीबोगरीब मामला सामने आया। यहां एक शिष्य अपने गुरु को भगवान घोषित कराने की याचिका लेकर पहुंचा। इसपर सर्वोच्च अदालत ने न सिर्फ उसे फटकारा बल्कि अदालत का समय बर्बाद करने के लिए एक लाख रुपए जुर्माना भी लगा दिया।

जानकारी के मुताबिक याचिकाकर्ता उपेंद्र नाथ दलाई, श्रीश्री अनुकूल चंद्र ठाकुर का शिष्य है। उसकी मांग थी कि श्रीश्री ठाकुर के धर्म-समाज में योगदान को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट उन्हें परमात्मा मानने का निर्देश दे। उपेंद्र ने अपनी याचिका में भाजपा, आरएसएस, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, गुरुद्वारा बांग्ला साहिब, इस्कॉन समिति, बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया, नेशनल क्रिश्चिएन काउंसिल को भी पार्टी बनाया था।

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जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की युगल बेंच ने इसे तत्काल खारिज कर दिया। कोर्ट ने इस दौरान कहा कि, 'भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है। याचिकाकर्ता को इस बात की अनुमति नहीं दी जा सकती कि वह देश के लोगों से जबरदस्ती श्रीश्री अनुकूल चंद्र को परमात्मा मनवाए। अगर आप उन्हें परमात्मा मानना चाहते हैं तो मानें, दूसरों पर क्यों थोप रहे हैं। हम यहां आपका लेक्चर सुनने नहीं, सुनाने आए हैं। हम सेक्युलर देश हैं।'

शिष्य की दलीलों के बाद कोर्ट ने इस याचिका को जनहित में नहीं पाया। इसलिए उस पर एक लाख रुपए जुर्माना भी लगाया। उपेंद्र की जुर्माना नहीं लगाने की गुजारिश पर जस्टिस शाह ने कहा- हमने तो कम जुर्माना लगाया। किसी को अधिकार नहीं कि जनहित याचिका का दुरुपयोग करे। अब लोग ऐसी याचिका लगाने से पहले कम से कम 4 बार सोचेंगे। कोर्ट ने जुर्माना की राशि 4 हफ्तों के भीतर सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में जमा करने का आदेश दिया है।