Rahul Gandhi: कोरोना से निपटने में पाक-अफगानिस्तान भारत से बेहतर, IMF के इस खुलासे पर राहुल गांधी का तंज़

IMF Data: वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की GDP ग्रोथ रेट (-)10.3%, पाकिस्तान की (-) 4.6% और अफगानिस्तान की (-)5% रहने का अनुमान है, राहुल ने कहा ये है मोदी सरकार की एक और ठोस उपलब्धि

Updated: Oct 16, 2020, 06:23 PM IST

Photo Courtesy: Scroll
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नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारतीय अर्थव्यवस्था की बिगड़ती हालत के मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर करारा तंज़ किया है। राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा है कि कोविड से निपटने के मामले में पाकिस्तान और अफगानिस्तान का प्रदर्शन भी भारत से बेहतर रहा है। राहुल ने व्यंग्य भरे लहजे में टिप्पणी करते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था की इस हालत को मोदी सरकार की एक और ठोस उपलब्धि बताया है। 

दरअसल कोरोना काल में पाकिस्तान और अफगानिस्तान का प्रदर्शन भारत से बेहतर होने की बात कोई राहुल गांधी का सियासी आरोप नहीं है। कांग्रेस नेता ने यह बात अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के ताज़ा अनुमानों के आधार पर कही है। राहुल ने अपने ट्वीट के साथ ही IMF के आंकड़ों का वो ग्राफ भी शेयर किया है, जो बताता है कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारत और उसके पड़ोसी देशों की आर्थिक विकास दर कितनी रहने वाली है। IMF के इन अनुमानों के मुताबिक 2020-21 में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट में 10.3 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज किए जाने की आशंका है। जबकि पाकिस्तान में यह गिरावट महज 4.6% फीसदी और अफगानिस्तान में 5% रहने का अनुमान है।

 

चौंकाने वाली बात यह है कि IMF के ग्राफ में जिन नौ पड़ोसी देशों के ग्रोथ रेट के अनुमान दिए हैं, उनमें सबसे खराब हालत भारत की और सबसे बेहतर स्थिति बांग्लादेश की है, जिसकी जीडीपी कोरोना काल में भी गिरने की बजाय 3.8% की दर से बढ़ने की उम्मीद है। 

भारत की आर्थिक हालत कितनी खराब है इसका अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं कि चीन, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश ही नहीं, नेपाल, भूटान और म्यांमार जैसे देश भी विकास दर के मामले में हमसे बेहतर स्थिति में नज़र आ रहे हैं। 

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राहुल गांधी ने इन्हीं आंकड़ों की रौशनी में मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर व्यंग्य के अंदाज़ में करारी चोट की है। आपको बता दें कि दुनिया के जाने-माने अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने भी IMF के अनुमानों पर चिंता जाहिर करते हुए भारत की फिस्कल और मॉनेटरी पॉलिसी में बड़े बदलावों की ज़रूरत पर ज़ोर दिया है।