Facebook Row: छत्तीसगढ़ में अंखी दास के खिलाफ FIR दर्ज

Ankhi Das: रायपुर में देर रात दर्ज हुई FIR, वरिष्ठ पत्रकार आवेश तिवारी ने कहा उन्हें अंखी दास के नाम से दी जा रही धमकियाँ

Updated: Aug 18, 2020, 10:47 PM IST

photo courtesy: amar ujala
photo courtesy: amar ujala

नई दिल्ली। फेसबुक से जुड़े विवाद मामले में अब कंपनी की इंडिया पॉलिसी हेड अंखी दास के विरुद्ध छत्तीसगढ़ में धार्मिक उन्माद भड़काने सहित अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। रायपुर के वरिष्ठ पत्रकार आवेश तिवारी ने शिकायत की है कि अंखी दास का नाम लेकर उन्हें जान से मारने की धमकियाँ दी जा रही है और धार्मिक वैमनस्यता फैलाने का काम किया जा रहा है। 

रायपुर के कबीर नगर थाने में देर रात दर्ज FIR में पत्रकार आवेश तिवारी ने शिकायत की है कि उन्होंने वॉल स्ट्रीट जर्नल में छपी रिपोर्ट के आधार पर एक पोस्ट फेसबुक पर लिखी थी। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे अंखी दास ने बिजनेस कारणों का हवाला देते हुए बीजेपी से जुड़े कम से कम चार व्यक्तियों और समूहों द्वारा की जा रही घृणा फैलाने और हिंसा उकसाने वाली पोस्ट पर कार्रवाई का विरोध किया, जबकि फेसबुक की आंतरिक टीम ने कार्रवाई करने का निष्कर्ष निकाला था।

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इसके बाद से ही फेसबुक के इन यूजर्स ने वामपंथी लेखकों और JNU के लोगों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। शिकायत में कहा गया है कि इस पोस्ट के बाद अलग-अलग जगहों से व्हाटसअप काल और मैसेज आ रहे हैं। फेसबुक की निदेशक अंखी दास का नाम लेकर जान से मारने की धमकी दी जा रही है। शिकायत पर पुलिस ने अंखी दास सहित तीन लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है। 


ग़ौरतलब है कि फेसबुक से जुड़े विवाद मामले में  कंपनी की इंडिया पॉलिसी हेड अंखी दास ने सोमवार को दिल्ली पुलिस साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया पर उन्हें जान से मारने और उन्हें शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाने की धमकी दी जा रही है। दास ने अपनी शिकायत में कहा है कि वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित आलेख को भारत में कई प्रकाशनों ने तोड़ मरोड़कर और उनके चरित्र का हनन करने के लहजे में दोबारा प्रकाशित किया है, जो बाद में सोशल मीडिया पर भी काफी शेयर हुआ है।

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इस पूरे मामले पर कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी पर फेसबुक और व्हाट्सएप का इस्तेमाल कर घृणा की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। साथ ही पार्टी ने फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी यानी जेपीसी जांच की मांग भी की है। वहीं सूचना तकनीक पर संसद की स्थाई समिति ने कहा कि वह फेसबुक से पूछेगी कि आखिर बीजेपी से जुड़ी हेट स्पीच पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। समिति फेसबुक को तलब भी कर सकती है।