बेंगलुरू में किसान नेता राकेश टिकैत पर हमला, चेहरे पर फेंकी गई काली स्याही, तीन लोग गिरफ्तार
राकेश टिकैत और युद्धवीर सिंह ने एक स्टिंग ऑपरेशन पर बोलने के लिए पत्रकार वार्ता आयोजित की थी जिसमें कर्नाटक किसान नेता को कथित तौर पर पैसे मांगते हुए पकड़ा गया था, स्याही फेंकने के बाद व्यक्ति "मोदी मोदी" के नारे लगा रहा था

बेंगलुरु। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत पर काली स्याही फेंकी गई। राकेश टिकैत बेंगलुरु के गांधी भवन में पत्रकार वार्ता को संबोधित करने पहुंचे थे तभी कुछ लोग राकेश टिकैत के नजदीक पहुंचे, उनमें से एक व्यक्ति ने राकेश टिकैत पर माइक से हमला कर दिया तथा एक अन्य व्यक्ति ने उनके चेहरे पर काली स्याही फेंक दी।
Ink and the fallout pic.twitter.com/tJqBom67b8
— Vasudha Venugopal (@vasudha_ET) May 30, 2022
स्याही फेंकने के बाद व्यक्ति "मोदी मोदी" के नारे लगा रहा था और वहीं इस घटना के बाद गांधी भवन में अफरा तफरी मच गई और जमकर कुर्सियां चली। इस घटना पर राकेश टिकैत ने कर्नाटक की बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि स्थानीय पुलिस की ओर से यहां कोई सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई है। यह सरकार की मिलीभगत से किया गया है। स्याही फेंकने की इस घटना में स्थानीय किसान नेता कोडिहल्लीइस चंद्रशेखर का हाथ बताया जा रहा है। चंद्रशेखर के समर्थकों ने ही राकेश टिकैत को काली स्याही फेंकी है।
स्वराज इंडिया के संस्थापक और किसान आंदोलन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने ट्वीट कर कहा कि "बेंगलुरु में गांधी भवन में राकेश टिकैत पर हुए हमले के बारे में बैठक की आयोजन चुक्की ननजुंडस्वामी ने पुष्टि की है की हमलावर "जय मोदी" का नारा लगा रहे थे, इस कुकृत्य का किसानों से कोई संबंध नहीं है, यह बीजेपी द्वारा पूर्व नियोजित हमला लगता है।"
ब्रेकिंग: बंगलुरु के गांधी भवन में राकेश टिकैत पर हुए हमले के बारे में बैठक की आयोजक चुक्की ननजुंडस्वामी ने पुष्टि की है की हमलावर "जय मोदी" का नारा लगा रहे थे। इस कुकृत्य का किसानों से कोई संबंध नहीं है, यह बीजेपी द्वारा पूर्व नियोजित हमला लगता है।#rakeshtikait
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) May 30, 2022
वहीं स्थानीय पुलिस ने इस घटना में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गौरतलब है कि राकेश टिकैत और युद्धवीर सिंह ने एक स्टिंग ऑपरेशन पर बोलने के लिए पत्रकार वार्ता आयोजित की थी जिसमें कर्नाटक किसान नेता को कथित तौर पर पैसे मांगते हुए पकड़ा गया था।