Farmers Protest: दिल्ली पुलिस को झटका, केजरीवाल सरकार ने स्टेडियम को अस्थायी जेल में बदलने की नहीं दी इजाजत
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली के 9 स्टेडियमों को अस्थायी जेल में बदलने की तैयारी में थी दिल्ली पुलिस, केजरीवाल सरकार ने इजाजत नहीं दी, कहा किसानों का मांग जायज

नई दिल्ली। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली के 9 स्टेडियमों को अस्थायी जेल में बदलने की तैयारी कर रही दिल्ली पुलिस को बड़ा झटका लगा है। केजरीवाल सरकार ने राजधानी के नौ स्टेडियमों को अस्थायी जेल में बदलने की इजाजत नहीं दी है। दिल्ली के होम मिनिस्टर सत्येंद्र जैन ने दिल्ली पुलिस के इस मांग को ठुकराते हुए कहा है कि किसानों की मांगें जायज हैं और जेल में डालना इसका समाधान नहीं है।
दिल्ली सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि आंदोलन करना सभी का अधिकार है। गृहमंत्री ने आदेश जारी कर कहा, 'किसानों की मांगें जायज हैं। केंद्र सरकार को किसानों की मांगें तुरंत माननी चाहिए। किसानों को जेल में डालना इसका समाधान नहीं है। इनका आंदोलन बिल्कुल अहिंसक है। अहिंसक तरीके से आंदोलन करना हर भारतीय का संवैधानिक अधिकार है। उसके लिए उन्हें जेल में नहीं डाला जा सकता। इसलिए स्टेडियम को जेल बनाने की दिल्ली पुलिस की इस अर्जी को दिल्ली सरकार नामंजूर करती है।'
दिल्ली सरकार ने किसानों की जायज मांगों को देखते हुए, दिल्ली पुलिस की स्टेडियम को जेल बनाने की अर्जी को नामंजूर कर दिया है।
— AAP (@AamAadmiParty) November 27, 2020
केंद्र सरकार को किसानों की सभी मांगों को तुरंत मान लेना चाहिए। pic.twitter.com/XudotzIDHM
बता दें कि किसान मार्च को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने दिल्ली सरकार से नौ स्टेडियमों को अस्थायी जेल के रूप में इस्तेमाल करने की इजाजत मांगी थी, जहां हिरासत में लिए गए और गिरफ्तार किए गए किसानों को रखा जा सके। इसके बाद आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्डा ने इस मांग को ठुकराने की दिल्ली सरकार से अपील की थी।
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राघव चड्डा ने कहा था कि हमारे देश के किसान न तो कोई अपराधी हैं न ही कोई आतंकवादी। शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करना सभी का संवैधानिक अधिकार है और देश के किसान भी अहिंसक तरीके से आंदोलन कर रहे हैं इस बात को हम नकार नहीं सकते हैं। चड्डा ने अब दिल्ली सरकार के इस फैसले का भी स्वागत किया है और कहा है की किसानों के विरोध का अधिकार और उनकी मांगों को जायज बताने के लिए दिल्ली सरकार का शुक्रिया।
Thank you Delhi Govt for upholding the farmer's right to protest and validate their demands.
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) November 27, 2020
Central Govt's hubris and inability to dialogue with or listen to the farmer - is an affront to the very 'will of the people' in whose name a govt is allowed to temporarily govern. https://t.co/AnWRQCUcfZ
इसके पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी किसानों के प्रदर्शन को जायज ठहराते हुए उनपर पुलिस द्वारा बलप्रयोग किए जाने को गलत ठहराया था। केजरीवाल ने कल ही ट्वीट कर कहा था कि, 'केंद्र सरकार के तीनों खेती बिल किसान विरोधी हैं। ये बिल वापिस लेने की बजाय किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है, उन पर वॉटर कैनन चलाई जा रही हैं। किसानों पर ये जुर्म बिलकुल ग़लत है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन उनका संवैधानिक अधिकार है।'
केंद्र सरकार के तीनों खेती बिल किसान विरोधी हैं। ये बिल वापिस लेने की बजाय किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है, उन पर वॉटर कैनन चलाई जा रही हैं। किसानों पर ये जुर्म बिलकुल ग़लत है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन उनका संवैधानिक अधिकार है।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 26, 2020
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इस बीच दिल्ली में किसानों को बुराड़ी ग्राउंड में आ कर विरोध प्रदर्शन करने की इजाजत दे दी गई थी, लेकिन थोड़ी देर पहले खबर आई कि किसान नेताओं ने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया है। दरअसल किसानों से कहा गया था कि वे सिर्फ बुराड़ी के मैदान में ही प्रदर्शन करेंगे। दिल्ली की किसी और जगह पर जाने की उनको इजाजत नहीं होगी। इस प्रस्ताव पर कुछ देर तक विचार करने के बाद आखिरकार किसानों के नेताओं ने उसे ठुकरा दिया।