पुरानी संसद से विजय चौक तक विपक्षी सांसदों का पैदल मार्च, खड़गे बोले- विपक्ष की आवाज दबा रही है सरकार
शरद पवार ने कहा कि सदन में जो हुआ, वो इतिहास में कभी नहीं हुआ। जो लोग सदन में घुसे, वो किसकी मदद से आए। सुरक्षा में चूक पर चर्चा क्यों नहीं हो रही? चर्चा कराने की बजाय सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया।
नई दिल्ली। संसद सुरक्षा चूक मामले में जवाब मांग रहे 143 सांसदों को केंद्र सरकार अबतक निलंबित कर चुकी है। सरकार के इस तानाशाही रवैए के खिलाफ विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया है। विपक्षी सांसदों ने गुरुवार को पुरानी संसद से विजय चौक तक पैदल मार्च किया। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि केंद्र सरकार संसद सुरक्षा चूक पर जवाब दे।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पीएम वाराणसी, अहमदाबाद जा रहे हैं, वे हर जगह बोल रहे हैं, संसद में सुरक्षा चूक पर नहीं बोल रहे। गृह मंत्री अमित शाह ने भी संसद के सिक्योरिटी लेप्स पर कुछ नहीं कहा। हम इसकी निंदा करते हैं। सरकार सदन नहीं चलने देना चाह रही है। विपक्ष की आवाज दबा रही है। संसद में बोलना हमारा अधिकार है। सभापति मामले को जातिगत रंग दे रहे हैं।
We, the people of India need to Save Democracy.
— Mallikarjun Kharge (@kharge) December 21, 2023
Passing important legislations by suspending Opposition MPs is not Democracy. It is the worst kind of authoritarianism.
Our future generations will not forgive us, if we do not raise our voices against this dictatorship, NOW ! pic.twitter.com/hGglS4GR90
वहीं, एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि सदन में जो हुआ, वो इतिहास में कभी नहीं हुआ। जो लोग सदन में घुसे, वो किसकी मदद से आए। सुरक्षा में चूक पर चर्चा क्यों नहीं हो रही? चर्चा कराने की बजाय सांसदों को सस्पेंड कर दिया। सभापति की मिमिक्री पर पवार ने कहा कि ये सदन के अंदर का नहीं, बाहर का मामला है। बता दें कि 20 दिसंबर को लोकसभा से 2 और सांसदों को निलंबित किया गया था। अब तक 143 सांसद निलंबित किए जा चुके हैं। इनमें 109 लोकसभा और 34 राज्यसभा के हैं।
इन सांसदों के संसद में दाखिल होने पर रोक है। 20 दिसंबर की कार्यवाही में लोकसभा में विपक्ष के 98 सांसदों और राज्यसभा में 94 सांसदों ने भाग लिया। विपक्ष का आरोप है कि सांसदों को सस्पेंड करके भाजपा सभी बिल बिना बहस के पास कराना चाहती है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, 'हमारे जो मूल मुद्दे थे, उससे हटकर मोदी सरकार ने मनमाफिक इतना बड़ा बिल पारित कर दिया। ये देश और लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरनाक है। इसका दूरगामी असर होगा। यह सरकार हर चीज की अनदेखी कर रही है और बहुमत के बाहुबल से अपनी मर्जी चला रही है। ये देश को अंधेरे की ओर धकेलने का काम कर रहे हैं और हम इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे।'
हमारे जो मूल मुद्दे थे, उससे हटकर मोदी सरकार ने मनमाफिक इतना बड़ा बिल पारित कर दिया।
— Congress (@INCIndia) December 21, 2023
ये देश और लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरनाक है। इसका दूरगामी असर होगा। यह सरकार हर चीज की अनदेखी कर रही है और बहुमत के बाहुबल से अपनी मर्जी चला रही है।
ये देश को अंधेरे की ओर धकेलने का काम कर रहे हैं… pic.twitter.com/FGW4csAay1
बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र के सिर्फ दो बचे हैं। 4 दिसंबर से शुरू हुए सत्र के अंतिम दिन की कार्यवाही 22 दिसंबर को होगी। विपक्ष के सांसदों को अलोकतांत्रिक तरीके से निलंबित किए जाने के खिलाफ कांग्रेस ने 22 दिसंबर को सुबह 11 बजे जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने का फैसला किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इसे संबोधित करेंगे।