Global Hunger Index: भुखमरी के मामले में बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान से भी खराब है भारत का हाल
Hunger in India: ग्लोबल हंगर इंडेक्स के 107 देशों में भारत 94वें पायदान पर, सिर्फ रवांडा, चाड और अफगानिस्तान जैसे देशों से ही आगे रह गया अपना देश

नई दिल्ली। भूख के मामले में अलग-अलग देशों की हालत बताने वाले ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की रैंकिंग एक बार फिर बेहद खराब रही है। इस इंडेक्स में शामिल 107 देशों की सूची में भारत को 94वां स्थान मिला है। अपनी आबादी की भूख मिटाने के मामले में भारत का हाल पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और इंडोनेशिया से भी गया-गुज़रा है।
इस इंडेक्स की गणना के दौरान भारत को 50 में से सिर्फ 27.2 अंक मिले हैं। यह स्कोर बताता है कि भुखमरी के मामले में भारत की हालत बहुत गंभीर है। हंगर इंडेक्स में भारत की हालत पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भारत का गरीब इसलिए भूखा है क्योंकि सरकार सिर्फ अपने कुछ खास मित्रों की जेबें भरने में लगी है।
भारत का ग़रीब भूखा है क्योंकि सरकार सिर्फ़ अपने कुछ ख़ास ‘मित्रों’ की जेबें भरने में लगी है। pic.twitter.com/MMJHDo1ND6
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 17, 2020
ग्लोबल हंगर इंडेक्स की अगर बात करें तो भारत सिर्फ रवांडा, अफगानिस्तान, चाड और लाइबेरिया जैसे अति पिछड़े और आंतरिक संघर्ष से जूझ रहे देशों से ही आगे है। सूची बताती है कि भारत इन देशों के लगभग समकक्ष है। पूरी लिस्ट की अगर बात करें तो इसमें बताया गया है कि दुनिया के 31 देशों में फिलहाल भुखमरी की हालत गंभीर और 9 देशों में बेहद गंभीर है।
ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की हालत लगातार खराब चल रही है। 2019 में 117 देशों में भारत को 102वां स्थान मिला था, तो 2018 में 119 देशों में 103वां स्थान। ग्लोबल हंगर इंडेक्स की यह सालाना सूची भुखमरी के खिलाफ दुनिया की लड़ाई को मजबूती देने के लिए जारी की जाती है। इस लिस्ट के साथ कुपोषण और बाल मृत्यु दर जैसे महत्वपूर्ण आंकड़े भी जारी किए जाते हैं।
इन पैमानों की अगर बात करें तो बाल कुपोषण के मामले में भारत की हालत खराब हुई है। 2010 से 2014 के बीच भारत में बाल कुपोषण की दर 15.1 प्रतिशत थी, जबकि 2015 से 2019 के बीच यह बढ़कर 17.3 प्रतिशत हो गई। दूसरी तरफ बाल मृत्यु दर में भारत की हालत में सुधार हुआ है। फिलहाल यह दर 3.7 प्रतिशत है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 1991 से 2014 के बीच का डेटा यह बताता है कि भारत, बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान में बाल कुपोषण की मुख्य वजह परिवारों के सामने खड़ी विभिन्न समस्याए हैं। इनमें गरीबी, अपर्याप्त मातृ शिक्षा और अच्छी खुराक की कमी मुख्य वजह हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कई देशों में हालात बहुत धीमी गति से सुधर रहे हैं।