सरकार तय करेगी कि क्या सच है और क्या झूठ, सोशल मीडिया के नए नियम के लिए मसौदा तैयार

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) द्वारा जारी नए नियम में कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा किसी खबर को फेक करार देने के बाद उसे किसी भी ऑनलाइन प्लेटफार्म पर पोस्ट नहीं किया जाएगा।

Updated: Jan 19, 2023, 06:14 AM IST

नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) ने नए आईटी नियमों का मसौदा जारी कर दिया है। इसके तहत किसी भी फेक सूचना को इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म्स पर प्रसारित करने की अनुमति नहीं होगी। कौन सी सूचना फेक है यह तय भी खुद सरकार ही करेगी। स्पष्ट शब्दों में कहें तो केंद्र सरकार तय करेगी कि क्या सच है और क्या झूठ।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) द्वारा जारी नए आईटी नियमों में कहा गया है कि फेक न्यूज को चिन्हित करने के लिए प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की मदद ली जाएगी। यानी भारत सरकार के अंडर काम करने वाली PIB की फैक्ट चेकिंग यूनिट किसी भी खबर को फेक करार देने के लिए स्वतंत्र होगी। इतना ही नहीं PIB द्वारा फेक करार देने के बाद उसे किसी भी ऑनलाइन प्लेटफार्म पर पोस्ट नहीं किया जा सकेगा, भले ही वो सूचना फेक न हो।

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नए आईटी नियमों को डिजिटल सेंसरशिप के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, लागू होने से पहले ही इन नियमों का विरोध शुरू हो गया है। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने इन नियमों की तीखी आलोचना की है, साथ ही केंद्र सरकार से इसे वापस लेने की भी मांग की है। गिल्ड ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियम के मसौदा संशोधन पर "गहरी चिंता" व्यक्त करते हुए कहा, 'यह नयी प्रक्रिया मूल रूप से स्वतंत्र प्रेस को दबाने में इस्तेमाल हो सकती है।'

एडिटर्स गिल्ड ने आशंका जताते हुए कहा कि पीआईबी या ‘तथ्यों की जांच के लिए केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत कोई अन्य एजेंसी' को उन ऑनलाइन प्लेटफार्म को सामग्री को हटाने के लिए मजबूर कर सकती है जिससे सरकार को समस्या हो सकती है। फर्जी समाचारों के निर्धारण का जिम्मा केवल सरकार के हाथों में नहीं हो सकता है...इसके परिणामस्वरूप प्रेस की सेंसरशिप होगी।'

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने बयान जारी कर केंद्र से मांग किया है कि इस नए नियमों को हटाया जाए। साथ ही डिजिटल मीडिया के रेगुलेशन को लेकर प्रेस निकायों, मीडिया संगठनों और अन्य हितधारकों के साथ सार्थक परामर्श शुरू किया जाए ताकि प्रेस की स्वतंत्रता को कोई नुकसान ना हो।