खट्टर ने कहा, हरियाणा में नहीं बिकने देंगे राजस्थान का बाजरा, तो कांग्रेस ने किया करारा पलटवार

राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, खट्टर ने ख़ुद ही खोली बीजेपी के एक देश एक बाज़ार के नारे की पोल

Updated: Nov 30, 2020, 11:03 PM IST

Photo Courtesy: Financial Express
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चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अपने इस बयान को लेकर घिर गए हैं कि राजस्थान का बाजरा हरियाणा में नहीं बिकने दिया जाएगा। खट्टर को अपने इस ट्वीट की वजह से चौतरफा आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने खट्टर पर पलटवार करते हुए कहा है कि बीजेपी के एक देश, एक बाज़ार के नारे की पोल खुद खट्टर जैसे नेता ही खोल रहे हैं।

दरअसल मनोहर लाल खट्टर ने ट्वीट कर कहा था कि हरियाणा की अनाज मंडियों में बाजरा 2150 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है, जबकि पड़ोसी राज्य राजस्थान में 1300 रुपये के भाव पर बाजरा बिक रहा है। इसलिए वहां से बाजरा लाकर हरियाणा में बेचने की शिकायतें मिल रही हैं। वहां का बाजरा यहां बिकने नहीं दिया जाएगा।

जिसके बाद गोविंद सिंह डोटासरा ने उस पर पलटवार करते हुए कहा कि नए कृषि कानूनों के तहत एक देश एक बाजार के झूठ का पर्दाफाश खुद बीजेपी के मुख्यमंत्री कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम शुरू से यह कह रहे हैं कि केंद्र की बीजेपी सरकार यह काला कानून अपने कारोबारी मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए लाई है। इसीलिए देश का अन्नदाता आज सड़कों पर है। आंदोलन करने पर मजबूर है।

 

डोटासरा ने अपने दूसरे ट्वीट में बीजेपी नेताओं को घेरा। उन्होंने कहा कि कि सतीश पूनिया और गुलाबचंद कटारिया आपकी पार्टी के मुख्यमंत्री के बयान पर आपकी चुप्पी यह साबित करती है कि किसानों के लिए एक देश एक बाजार के आपके दावे खोखले थे। आपने अन्नदाता के साथ धोखा किया है। कृपया चुप्पी तोड़कर अपना पक्ष रखें। नहीं तो प्रदेश के किसानों को जवाब देना मुश्किल होगा।

 

 

वहीं दूसरी तरफ आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव ने भी मनोहर लाल खट्टर पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'खट्टर साहब आपकी सरकार 'एक देश एक मंडी' व्यवस्था लागू कर चुकी है फिर आप पड़ोसी राज्य क्या अगर दक्षिणी भारत या पूर्वी भारत से भी कोई यहां अनाज बेचने आता है तो आप कैसे रोक सकते हैं?  बीजेपी की इन्हीं दोहरी नीतियों के चलते किसान आक्रोशित है।

 

 

मनोहर लाल खट्टर के इस ट्वीट से यह बात तो जाहिर होती है कि प्रधनमंत्री मोदी के खास मुख्यमंत्री ही उनकी बात मानने को तैयार नहीं रहे हैं। इसी वजह से किसान केंद्र के नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। पीएम मोदी लगातार कह रहे हैं कि देश का किसान देश के किसी भी कोने में अपनी फसल बेच सकता है। लेकिन खट्टर ने यह बात मानने से इंकार कर दिया है। यहां सवाल यह उठता है कि इस स्थिति में किसान आंदोलन ना करें तो क्या करें?