दुष्यंत चौटाला से मिले पीएम मोदी, हरियाणा सरकार बचाने की कोशिश में जुटी बीजेपी

किसान आंदोलन के बाद से खतरे में पड़ी हरियाणा की खट्टर सरकार, एक दिन पहले ही अमित शाह से मिले थे दुष्यंत चौटाला और सीएम खट्टर

Updated: Jan 13, 2021, 01:21 PM IST

Photo Courtesy : ANI
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नई दिल्ली। किसान आंदोलन की वजह से खतरे में आई हरियाणा की खट्टर सरकार को बचाने के लिए बीजेपी पूरा ज़ोर लगा रही है। राज्य के डिप्टी सीएम व जेजेपी के नेता दुष्यंत चौटाला ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि इस दौरान मुख्य रूप से दोनों नेताओं के बीच कृषि कानूनों और किसान आंदोलन को लेकर चर्चा हुई। इसके पहले कल ही चौटाला और सीएम मनोहर लाल खट्टर गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर चुके हैं। 

दरअसल, राज्य में बीजेपी का समर्थन कर रही जेजेपी के कुछ विधायक केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा निर्दलीय विधायकों में भी कई ऐसे हैं जो आंदोलनकारी किसानों के दबाव में आकर इन कानूनों के खिलाफ हो गए हैं। हरियाणा की खट्टर सरकार को जेजेपी के 10 और सात निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है। इसके पहले इंडियन नेशनल लोकदल के नेता अभय सिंह चौटाला के किसानों के समर्थन में विधानसभा से इस्तीफा देने का एलान करने की वजह से भी उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर दबाव बढ़ गया है। 

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ऐसे में बीजेपी हर हाल में जेजेपी और निर्दलीय विधायकों को एकजुट रखना चाहती है। इसी के मद्देनजर दुष्यंत चौटाला की अमित शाह के साथ मीटिंग और निर्दलीय विधायकों का सीएम खट्टर के साथ लंच रखा गया था। लेकिन कहा जा रहा है कि इस दौरान कोई ठोस परिणाम नहीं निकला। इसके बाद पीएम मोदी ने खुद चौटाला को मिलने के लिए बुलावा भेजा। रिपोर्ट्स के मुताबिक चौटाला और पीएम मोदी के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत हुई। 

हालांकि, इस दौरान क्या बातें हुई इस बारे में मीडिया को बताए बगैर चौटाला चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए। ऐसे में अब सियासी गलियारों में तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं। उधर बीजेपी ने दावा किया है कि राज्य में बीजेपी और जेजेपी गठबंधन के बीच सबकुछ ठीक चल रहा है और खट्टर सरकार अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। जानकारों का मानना है कि ऐसा होता नहीं दिख रहा है, क्योंकि जेजेपी का वोटबैंक ग्रामीण पृष्ठभूमि वाला है और किसानों के समर्थन की बदौलत ही दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम बन पाए हैं ऐसे में वह कोई भी निर्णय काफी सोच-समझकर लेंगे।

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कांग्रेस खोल चुकी है मोर्चा

उधर कांग्रेस भी लगातार खट्टर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। पूर्व सीएम भूपेंद्र्र सिंह हुड्डा पहले ही राज्य सरकार के खिलाफ विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश करने का ऐलान कर चुके हैं। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि दुष्यंत चौटाला भले ही सरकार का साथ न छोड़ें, लेकिन जेजेपी के विधायक बगावत का रास्ता अख्तियार कर सकते हैं। यह बात भी तय है कि यदि जेजेपी के कुछ विधायक अपनी पार्टी के खिलाफ चले जाते हैं तो निर्दलीय विधायक भी एक-एक करके पाला बदलना शुरू कर देंगे। अविश्वास प्रस्ताव के पीछे भी कांग्रेस की यही रणनीति है ताकि किसानों के सामने दूध का दूध और पानी का पानी किया जा सके। अब देखना यह होगा कि दुष्यंत चौटाला और प्रधानमंत्री मोदी के बीच मुलाकात से क्या हरियाणा की खट्टर सरकार बच पाएगी?