जाति से बाहर शादी करने पर हर साल मारे जाते हैं सैंकड़ों लोग, ऑनर किलिंग पर CJI ने जताई चिंता

CJI चंद्रचूड़ ने यह बात मुंबई में बॉम्बे बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित अशोक देसाई मेमोरियल लेक्चर के दौरान कही।

Updated: Dec 18, 2022, 12:43 PM IST

मुंबई। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने देशभर में हो रहे ऑनर किलिंग पर चिंता जाहिर की। सीजेआई चंद्रचूड़ शनिवार को मुंबई के एक कार्यक्रम में 'कानून और नैतिकता' के विषय पर बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत में हर साल सैकड़ों युवा केवल झूठी शान के लिए हत्याओं के कारण मर जाते हैं, क्योंकि वे किसी से प्यार करते हैं या अपनी जाति के बाहर शादी करते हैं। परिवारवालों के खिलाफ जाकर शादी करते हैं।

कानून और नैतिकता से जुड़े मामलों का जिक्र करते हुए सीजेआई ने कहा कि, 'ब्रेस्ट टैक्स, समलैंगिकता को आपराधिक बनाने वाली धारा 377, मुंबई में बार डांस पर प्रतिबंध जैसे मापदंड मजबूत समूह तय करते हैं और कमजोर समूहों पर हावी होते हैं। कमजोर और हाशिए पर रहने वाले सदस्यों के पास अपने अस्तित्व बचाने के लिए अपनी संस्कृति को खोने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है।

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सीजेआई ने आगे कहा कि समाज के कमजोर वर्ग उत्पीड़क समूहों के हाथों अपमान और अलगाव के कारण एक अलग संस्कृति उत्पन्न होती है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने इस बात पर भी जोर दिया कि कमजोर समूहों को सामाजिक संरचना के नीचे रखा गया है और उनकी सहमति को अनसुना किया गया है।

सीजेआई ने पूछा, "क्या यह आवश्यक है कि जो मेरे लिए नैतिक है वह आपके लिए भी नैतिक हो?" सीजेआई ने एक खबर का हवाला दिया, जिसमें बताया गया कि कैसे 1991 में उत्तर प्रदेश में एक 15 वर्षीय लड़की को उसके माता-पिता ने मार डाला था। 

सीजेआई ने कहा, 'खबर में ग्रामीणों ने बेटे की हत्या का अपराध स्वीकार कर लिया। उनके लिए यह कार्य स्वीकार्य और न्यायसंगत था, क्योंकि उन्होंने उस समाज के आचार संहिता का अनुपालन किया जिसमें वे रहते थे। क्या यह आचार संहिता है? जिसे तर्कसंगत लोगों द्वारा आगे रखा गया होगा। साथ ही उन्होंने इस बात पर एक बार फिर जोर दिया कि प्यार में पड़ने या अपनी जाति के बाहर शादी करने या अपने परिवार की इच्छा के खिलाफ शादी करने के लिए हर साल कई लोग मारे जाते हैं।