अगर प्रधानमंत्री होते तो आप क्या करते, राहुल गांधी बोले- रोजगार बढ़ाने पर करता फोकस

राहुल गांधी ने अमेरिका के पूर्व राजनयिक निकोलस बर्न्स से बातचीत के दौरान कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार फीडबैक में यकीन नहीं रखती है

Updated: Apr 03, 2021, 07:02 AM IST

Photo courtesy: DNA India
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नई दिल्ली। अमेरिका के हार्वर्ड केनेडी स्कूल के एंबेसडर निकोलस बर्न्स के साथ बातचीत में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपना मास्टर प्लान साझा किया। स्कूली छात्रों से संवाद के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि अगर वह प्रधानमंत्री होते तो वह जॉब क्रिएशन यानी रोजगार बढ़ाने पर ज्यादा फोकस करते बजाय विकास दर पर ध्यान को केंद्रीत करने के। राजदूत निकोलस बर्न्स के साथ बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में यह बात कही।

बातचीत के दौरान राहुल ने कहा, 'मैं विकास केंद्र‍ित विचार को रोजगार सृजन की ओर मोड़ता। मैं कहूंगा कि हमें विकास की जरूरत है लेकिन हम उत्‍पादन बढ़ाने और रोजगार पैदा करने तथा वैल्‍यु एडिशन के लिए सबकुछ करेंगे। अभी हमारा विकास देखिए, विकास और रोजगार सृजन, वैल्‍यु एडिशन और उत्‍पादन के बीच जैसा संबंध होना चाहिए, वैसा नहीं है। वैल्‍यू एडिशन में चीनी आगे हैं... मैं ऐसे किसी चीनी नेता से नहीं मिला जो मुझसे कहता हो कि मुझे रोजगार सृजन की समस्‍या है।'

हमारे पास न्याय का विचार है- राहुल गांधी

कांग्रेस नेता ने इस बातचीत के दौरान कांग्रेस के न्याय योजना पर जोर देते हुए कहा कि हमारे पास न्याय का विचार है। उन्होंने कहा, 'मेरे लिए नौकरियां पहली प्राथमिकता है। ऐसे में मेरे लिए 9 फीसदी आर्थिक विकास का कोई मायने नहीं रह जाता। अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए अब भारत के पास सिर्फ एक ही विकल्प बचा है कि लोगों के हाथों में पैसे दिए जाएं। इसके लिए हमारे पास ‘न्याय’ का विचार है।'

सरकार ने संस्थागत ढांचे पर किया कब्जा- राहुल

राहुल गांधी ने इस दौरान केंद्र की मोदी सरकार पर संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि, 'हम आज ऐसी अलग स्थिति में हैं जहां वो संस्थाएं हमारी रक्षा नहीं कर पा रही हैं जिन्हें हमारी रक्षा करनी है। जिन संस्थाओं को निष्पक्ष राजनीतिक मुकाबले के लिए सहयोग देना है वो अब ऐसा नहीं कर रही हैं। सत्तापक्ष की तरफ से संस्थागत ढांचे पर पूरी तरह कब्जा कर लिया गया है। इसलिए सत्तापक्ष से लोगों का मोहभंग हो रहा है और यह कांग्रेस के लिए एक अवसर भी है।'