Indira Gandhi Martyrdom Day: राहुल गांधी ने अपनी दादी को संस्कृत का श्लोक लिखकर दी श्रद्धांजलि

Rahul Gandhi: असत्य से सत्य की ओर, अंधकार से प्रकाश की ओर और मृत्यु से अमरता की ओर जाने का मार्ग दिखाने के लिए शुक्रिया दादी

Updated: Oct 31, 2020, 06:51 PM IST

Photo Courtesy: Sunday Guardian
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नई दिल्ली। देश भर में आज पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत इंदिरा गांधी की 36वां बलिदान दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी दादी को याद करते हुए भावुक मैसेज शेयर किया है। राहुल ने इंदिरा गांधी को असत्य से सत्य का मार्ग दिखाने के लिए शुक्रिया अदा किया है।

राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा है, 'असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मामृतं गमय ।' इस श्लोक का मतलब है कि मुझे असत्य से सत्य की ओर, अंधकार से प्रकाश की ओर और मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो। राहुल ने लिखा है कि, 'शुक्रिया दादी मुझे यह बताने के लिए कि इन शब्दों को जीने का मतलब क्या है। 

 

सोनिया, प्रियंका ने दी श्रद्धांजलि

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने भी दिवंगत प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी है। बलिदान दिवस के मौके पर सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी समेत अन्य कई दिग्गजों ने शनिवार सुबह उनकी समाधि शक्ति स्थल पर जाकर पुष्प अर्पित किया।

पीएम मोदी ने भी दी श्रद्धांजलि

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भारत की आयरन लेडी कही जाने वाली पूर्व प्रधानमंत्री को याद किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर है, 'हमारी पूर्व पीएम श्रीमती इंदिरा गांधी जी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि।'

देश उन्हें न भुला पाएगा

वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि देश उन्हें कभी नहीं भुला पाएगा। उन्होंने ट्वीट किया है, 'इंदिरा जी के बलिदान दिवस पर उनके प्रति श्रद्धांजलि। देश उन्हें कभी भी नहीं भुला पाएगा। देश के गरीब मज़दूर किसान दलित आदिवासी उन्हें सदैव याद रखेंगे। देश उनके साहस और सबल शक्तिशाली नेतृत्व को कभी भी नहीं भुला पाएगा।'

बता दें कि देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आज के ही दिन साल 1984 में हत्या कर दी गई थी। इंदिरा गांधी ने जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक प्रधानमंत्री के तौर पर भारत का नेतृत्व किया था। इसके बाद वे साल 1980 में दोबारा प्रधानमंत्री चुनी गईं थी। स्वतंत्रता आंदोलनों से लेकर भारत का नेतृत्व करने तक इंदिरा का जीवन बेहद प्रभावी रहा है। बांग्लादेश को पाकिस्तान की गिरफ्त से आज़ादी दिलाने में भारत ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व में ही ज़बरदस्त भूमिका निभाई थी। बांग्लादेश मुक्ति संग्राम को सफल बनाकर पाकिस्तान के दो टुकड़े करने की वजह से उन्हें सम्मान से 'आयरन लेडी' कहा जाता है।