भारत ने लॉन्च किया धरती पर नज़र रखनेवाला सैटेलाइट EOS-01, साथ में 9 विदेशी उपग्रह भी
इसरो का दावा कि इस सैटेलाइट के ज़रिए किसी भी मौसम में बादलों के पार पृथ्वी को आसानी से देख सकता है और इससे स्पष्ट फोटो ली जा सकती है

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने आज एक बार फिर अंतरिक्ष में अपना परचम लहरा दिया है। आज दोपहर 3 बजकर 12 मिनट पर इसरो ने प्रपेक्षण यान PSLV-C49 के जरिए 10 उपग्रहों को लॉन्च किया है। बताया जा रहा है कि इसमें 9 अंतरराष्ट्री उपग्रह हैं और एक भारत का अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (EOS-01) है। विदेशी उपग्रहों में 4 अमेरिका, 4 लक्ज़मबर्ग और एक लिथुआनिया का उपग्रह शामिल है।
शुक्रवार दोपहर को इस सैटेलाइट की उल्टी गिनती शुरू हो गई थी। जानकारी के मुताबिक, मिशन डायरेक्टर ने PSLV-C-49 को लॉन्च करने के लिए अनुमति प्रदान कर दी थी। जिसके बाद सारा अधिकार कम्प्यूटर के पास चला जाता है। कम्प्यूटर अपनी तरफ से सारे उपकरणों और डेटा को चेक करता है। इसके बाद पीएसएलवी निर्धारित समय दोपहर 3 बजकर 2 मिनट की बजाय दस मिनट की देरी से लॉन्च हो सका। इसरो के मुताबिक दस मिनट की देरी पीएसएलवी की राह में आए मलबे की वजह से हुई।
WATCH ISRO launches EOS01 and 9 customer satellites from Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota pic.twitter.com/2ifOeAYIpx
— ANI (@ANI) November 7, 2020
जिसके बाद इसरो अध्यक्ष सिवन ने कहा, ‘इस महामारी के दौरान गुणवत्ता से समझोता किए बिना कोविड निर्देशोंनुसार काम किया। इसरो के कर्मचारियों को इस समय गुणवत्तापूर्ण काम करते देखना वास्तव में खुशी की बात है’
This mission is very special and unusual for ISRO. The space activity cannot be done from 'work from home'. Each engineer has to be present at the lab. When talking about missions like these, each technician, employee has to work together: ISRO Chief K Sivan
— ANI (@ANI) November 7, 2020
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भारतीय वैज्ञानिकों का कहना है कि इस सैटेलाइट की खासियत है कि यह किसी भी मौसम में बादलों के पार पृथ्वी को आसानी से देख सकता है और इससे स्पष्ट फोटो ली जा सकती है। प्राइमरी सैटेलाइट EOS01 अर्थ ऑब्जर्वेशन रिसेट सैटेलाइट का ही एक एडवांस सीरीज है। इसमें सिंथेटिक अपर्चर रडार लगाया गया है। जो बादलों के पार भी देख सकता है। इसरो के वैज्ञानिकों की माने तो इस सैटेलाइट की मदद से हर समय देश की सीमाओं पर निगरानी रखी जा सकती है। वहीं आपदा प्रबंधन और खेती के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता है।
इसरो का यह इस साल का पहला मिशन था जो सफलतापूर्वक लॉन्च हुआ।