नितिन गडकरी ने दिया वैक्सीन प्रोडक्शन बढ़ाने का सुझाव, कांग्रेस बोली- आपके बॉस सुन रहे हैं क्या
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपनी ही सरकार को सुझाव दिया है कि उन्हें एक के बजाए 10 कंपनियों को लाइसेंस देना चाहिए, इसपर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने किया तंज

नई दिल्ली। देशभर में कोरोना वैक्सीन की कमी को देखते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को अपनी ही सरकार को सार्वजनिक रूप से सुझाव देना पड़ा है। बीजेपी के दिग्गज नेता गडकरी ने कहा है कि भारत सरकार को एक की बजाए दस कंपनियों को वैक्सीन बनाने का लाइसेंस देना चाहिए। इससे वैक्सीन प्रोडक्शन में तेजी आएगी। गडकरी के इस सुझाव पर कांग्रेस ने तंज कसा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने पूछा है कि मोदी उनकी बात सुन रहे हैं क्या? कांग्रेस नेता ने नितिन गडकरी का सार्वजनिक रूप से सुझाव देते वीडियो साझा कर कहा, 'क्या आपके बॉस यह सुन रहे हैं? 8 अप्रैल को पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने भी यही सुझाव दिया था।'
But is his Boss listening? This is what Dr. Manmohan Singh had suggested on April 18th. https://t.co/iqgPgJJ6Y7
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 19, 2021
दरअसल, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी कल कई विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि, 'हम आत्मनिर्भर भारत बनाना चाहते हैं, लेकिन हमें अब भी दवाओं के लिए कच्चे माल विदेशों से मंगवाने होते हैं। भारत के सभी जिला अस्पताल ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर होने चाहिए। स्वास्थ्य क्षेत्र इस समय गहरे संकट से जूझ रहा है।'
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गडकरी ने आगे कहा, 'यदि वैक्सीन के सप्लाई के मुकाबले डिमांड ज्यादा होगी तो इससे समस्या खड़ी होगी। इसलिए एक कंपनी की बजाए 10 कंपनियों को टीके का उत्पादन करने में लगाया जाना चाहिए। इसके लिए टीके का पेटेंट रखने वाली कंपनी को अन्य कंपनियों द्वारा 10 फीसदी रॉयल्टी देना चाहिए।' गडकरी ने इस दौरान यह भी कहा कि वे प्रधानमंत्री मोदी से बात कर इस बारे में आग्रह करेंगे।
इससे पहले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अडार पूनावाला ने सरकार का बचाव किया है। उन्होंने कहा है कि इतनी बड़ी आबादी वाले देश भारत में सिर्फ दो-तीन महीने में तो सबका वैक्सीनेशन नहीं किया जा सकता। इसके लिए दो तीन साल तो लगेंगे ही। उन्होंने यह भी कहा है कि हम अंतरराष्ट्रीय अनुबंधों के तहत दुनिया के देशों को वैक्सीन भेजते रहे। ना कि भारतीय आबादी की मौत की कीमत पर हमने यह किया। बहरहाल यही बात केंद्र सरकार भी कर रही है जिसे पूनावाला ने दोहराया है।