Rajasthan Priest Cremated: सरकारी नौकरी और मुआवजे के आश्वासन के बाद पुजारी का अंतिम संस्कार

Karauli Priest Case: पुजारी हत्याकांड में राजस्थान सरकार की कार्रवाई, SHO और पटवारी सस्पेंड

Updated: Oct 11, 2020, 01:39 AM IST

Photo Courtesy: Bhaskar
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जयपुर। राजस्थान के करौली जिले के बकूना गांव के पुजारी की जलाकर हत्या मामले में सरकार ने आरोपियों की मदद करने वाले पटवारी और एसएचओ को सस्पेंड कर दिया है। सरकार ने परिजनों की मांग पर परिवार के एक सदस्य को नौकरी और दस लाख रुपए देने का आश्वासन भी दिया है। जिसके बाद परिजनों ने पुजारी का अंतिम संस्कार कर दिया।

पुजारी की हत्या के बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था। वे परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और 50 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की मांग कर रहे थे। परिजनों का कहना था कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, पुजारी का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। लेकिन मुख्यमंत्री ने जब परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और 10 लाख रुपये मुआवजे देने का भरोसा दिलाया तो परिवार मान गया और पुजारी का अंतिम संस्कार कर दिया। राजस्थान सरकार ने पीड़ित परिवार को इंदिरा आवास सहित अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ देने का एलान भी किया है।

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आपको बता दें कि राजस्थान के करौली जिले में भूमि विवाद की वजह से एक पुजारी को जिंदा जला दिया गया था। मीडिया में आई खबरों के अनुसार कुछ दबंगों ने जमीन विवाद की वजह से पुजारी पर पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जलाने की कोशिश की थी। बुरी तरह घायल पुजारी की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए मुख्य आरोपी कैलाश मीणा को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन राज्य के प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी ने इस मसले पर जमकर राजनीति शुरू कर दी थी। पुजारी का अंतिम संस्कार होने से पहले परिजनों के धरने में शामिल होने बीजेपी सांसद किरोड़ीलाल मीणा और पूर्व विधायक मानसिंह पहुंच गए थे।