राम मंदिर ट्रस्ट को किया जाए भंग, चंपत राय अपने पद से दें इस्तीफ़ा, निर्वाणी अखाड़ा ने उठाई मांग

राम मंदिर ज़मीन घोटाले में राम मंदिर ट्रस्ट के सचिव चंपत राय की मंशा सवालों के घेरे में है, पूरे घोटाले में एक एक कर नए खुलासे हो रहे हैं, घोटाले की वजह से ट्रस्ट की काफी किरकिरी हुई है, और अब ट्रस्ट को ही भंग करने की मांग उठने लगी है

Updated: Jun 18, 2021, 01:14 PM IST

Photo Courtesy : Dainik Bhaskar
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नई दिल्ली/लखनऊ। राम मंदिर ज़मीन घोटाले के विवाद के बीच अब राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए राम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को भंग करने की मांग की जाने लगी है। इस पूरे विवाद में अब निर्वाणी अखाड़े ने भी एंट्री ले ली है। निर्वाणी अखाड़ा ने विवादों से चौतरफा घिरे ट्रस्ट को भंग करने को लेकर अपनी आवाज़ बुलंद की है।  

सीएम योगी और पीएम मोदी करें हस्तक्षेप 
निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्मदास ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा ज़मीन ख़रीदी में अपनाई गई प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। महंत धर्मदास ने कहा है कि ट्रस्ट ने 300 करोड़ में 50 संपत्ति खरीदी है। लिहाज़ा इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। महंत धर्मदास ने यह भी कहा है कि इस पूरे मामले में खुद प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हस्तक्षेप करना चाहिए।  

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चंपत राय इस्तीफा दें 
महंत धर्मदास ने आरोपों से घिरे ट्रस्ट के सचिव चंपत राय के इस्तीफे की मांग की है। धर्मदास ने कहा है कि ट्रस्ट ने संतों को किनारे कर दिया। इसका एकमात्र मकसद जनता के पैसों की लूट करना था। और चंपत राय ऐसे लोगों के मुखिया हैं। धर्मदास ने कहा है कि अगर इस मामले में दोषियों को जेल नहीं हुई तब वे शीर्ष अदालत का रुख करेंगे।  

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राम मंदिर घोटाले में ट्रस्ट पर 18.5 करोड़ की डील के ही दिन ज़मीन का एक अन्य हिस्सा भी खरीदने का आरोप लगा है। 18 मार्च को जिस दिन ट्रस्ट ने सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी से 18.5 करोड़ में ज़मीन खरीदी थी, उसी दिन कुसुम पाठक और हरीश पाठक के साथ ट्रस्ट का ज़मीन के एक अन्य हिस्से को लेकर 8 करोड़ में सौदा हुआ था। 

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इन सभी विवादों के बीच ट्रस्ट के सचिव चंपत राय का बारंबार यही कहना है की ट्रस्ट ने मार्केट रेट से कम में ज़मीन खरीदी है। लेकिन दूसरी तरफ यह किया जा रह है कि जिस ज़मीन को ट्रस्ट ने 18.5 करोड़ में ख़रीदा उसका सर्किल रेट 5 करोड़ 80 लाख था। खुद ट्रस्ट के लोग ही  चंपत राय पर मनमानी करने का आरोप लगा चुके हैं।