महाराष्ट्र में कोरोनिल की बिक्री पर रोक, WHO और IMA के सवाल उठाने के बाद फैसला

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा, कोरोनिल को ज़रूरी सर्टिफिकेशन के बिना महाराष्ट्र में बेचने की इजाजत नहीं दी जाएगी, ग़लत साबित हो चुका है दवा के WHO से प्रमाणित होने का दावा

Updated: Feb 23, 2021, 12:51 PM IST

Photo Courtesy : Google
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मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार ने योग गुरु राम देव की कंपनी पतंजलि की बनाई दवा कोरोनिल की बिक्री पर रोक लगा दी है। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि सरकार ने यह कदम कोरोनिल के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और इंडियन मेडिकल एसोसिएसन (IMA) जैसे प्रमुख संगठनों की प्रतिक्रियाओं को ध्यान में रखते हुए उठाया है। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी गंभीर महामारी के इलाज के लिए सक्षम स्वास्थ्य संगठनों से सर्टिफिकेशन हासिल किए बिना कोरोनिल की बिक्री को इजाजत देना ठीक नहीं होगा।

अनिल देशमुख ने इस बारे में ट्वीट करते हुए लिखा है, "पतंजलि की #Coronil दवा की बिक्री को महाराष्ट्र में #WHO, #IMA और अन्य संबंधित सक्षम स्वास्थ्य संस्थानों से उचित प्रमाणीकरण के बिना अनुमति नहीं दी जाएगी।"

उन्होंने एक और ट्वीट में लिखा है, "#Coronil के तथाकथित परीक्षण पर #IMA ने सवाल उठाए है और #WHO ने कोविड के उपचार के लिए पतंजलि आयुर्वेद को किसी भी प्रकार की स्वीकृति देने से इंकार किया है। ऐसे में जल्दीबाज़ी में किसी भी दवा को उपलब्ध करवाना और उसकी दो वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों द्वारा सराहना किया जाना उचित नहीं है।"

 

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दरअसल, WHO ने अपनी तरफ से बयान जारी करके साफ किया है कि उसने किसी भी पारंपरिक दवा की कोविड 19 के इलाज के लिए न तो समीक्षा की है और न ही उसे प्रमाणित किया है। संस्था को यह बयान कोरोनिल को WHO द्वारा प्रमाणित किए जाने के दावे के सामने आने के बाद जारी करना पड़ा। बाद में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी न सिर्फ कोरोना के इलाज में कोरोनिल की प्रभावकारिता पर संदेह जाहिर किया, बल्कि इस तरह की गैर-प्रमाणित दवा के प्रचार-प्रसार में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन के शामिल होने पर भी एतराज जाहिर किया है। इतना ही नहीं, IMA ने तो डॉ. हर्ष वर्धन से इस मामले में स्पष्टीकरण भी मांगा है।

आईएमए ने डॉ हर्षवर्धन से बाबा रामदेव और उनकी कंपनी ने द्वारा प्रचारित किए गए झूठ में शामिल होने पर जवाब तलब किया है। मेडिकल एसोसिएशन ने कहा है कि स्वास्थ्य मंत्री ने उस कार्यक्रम में शामिल होकर डॉक्टरों की आचार संहिता का उल्लंघन किया है। आईएमए ने कहा है कि मंत्रियों की आड़ में जिस तरह से कोरोनिल से जुड़े भ्रामक दावे का प्रचार प्रसार किया गया, उससे लोगों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। लिहाज़ा स्वास्थ्य मंत्री को अपनी मौजूदगी पर जवाब देना चाहिए। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा है कि स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन द्वारा गैर वैज्ञानिक दवा का गलत और भ्रामक प्रचार किया जाना सही नहीं है।