ममता बनर्जी ने अमर्त्य सेन से कहा, मैं बहन के रूप में लडूंगी आपकी लड़ाई

अमर्त्य सेन का नाम विश्व भारती विश्वविद्यालय की भूमि पर अवैध कब्ज़ा करने वालों की सूची में, विश्वविद्यालय के कुलपति दावा कर चुके हैं कि अमर्त्य सेन ने उनसे फोन पर बातचीत की थी

Updated: Dec 26, 2020, 02:31 PM IST

Photo Courtesy: The Indian Express
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कोलकाता/नई दिल्ली। नोबेल पुरूस्कार विजेता अमर्त्य सेन के खिलाफ कथित भूमि कब्ज़ा करने वाली मुहिम के विरोध में अब खुद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उतर आईं हैं। ममता बनर्जी ने अमर्त्य सेन को पत्र लिखकर यह भरोसा दिलाया है कि उनकी इस लड़ाई में वो साथ खड़ी हैं। ममता बनर्जी ने अमर्त्य सेन से कहा है कि 'आप मुझे अपनी बहन ही समझें, मैं इस लड़ाई में आपके साथ खड़ी हूं। हम कामयाब होंगे।'

ममता बनर्जी ने अमर्त्य सेन को एक समर्थन पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने नोबेल पुरस्कार विजेता को 'अमर्त्य दा' संबोधित करते हुए लिखा है कि हाल ही में हुए परिवर्तनों पर मैं बहुत पीड़ा के साथ यह पत्र आपको लिख रही हूं। उन्होंने लिखा है कि शांतिनिकेतन के साथ जुड़े आपके और आपके पारिवारिक जुड़ाव से हम सभी अवगत हैं.. आपके नाना क्षितिज मोहन सेन का शान्तिनिकेतन को बसाने में बहुत बड़ा योगदान रहा है। जबकि आपके पिता आशुतोष सेन जो कि एक नामी विद्वान और प्रशासक थे, उनके द्वारा आठ दशक पहले शांतिनिकेतन में बहुप्रसिद्ध 'प्रतीचि भवन' स्थापित किया गया था। शांतिनिकेतन और आपका पूरा परिवार एक दूसरे के साथ रचे-बसे रहे हैं। ममता ने अपनी चिट्ठी में यह लिखते हुए शांतिनिकेतन और अमर्त्य सेन के जुड़ाव को याद किया है।

ममता बैनर्जी ने लिखा कि, लेकिन अब कुछ नए घुसपैठिए विश्व भारती में आपकी पारिवारिक संपत्ति पर निराधार आरोप लगा रहे हैं, इससे मुझे बहुत पीड़ा हुई है। उन्होंने लिखा कि मैं बहुसंख्यकवाद और सर्वसत्तावाद के खिलाफ आपकी इस लड़ाई में आपके साथ खड़ी हूं। ममता ने कहा कि आपकी इस लड़ाई में आप मुझे अपनी बहन ही समझें। हम ज़रूर कामयाब होंगे। 

ज़ाहिर है ममता ने अमर्त्य सेन को यह पत्र लिखा है उसमें मुख्यमंत्री ने बीजेपी पर अपरोक्ष रूप से निशाना साधा है। दरअसल कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमर्त्य सेन का नाम विश्व भारती विश्वविद्यालय में अवैध तरीके से कब्ज़ा जमाने वाले लोगों की सूची में शामिल है। 

हाल में विश्व भारती विश्वविद्यालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को पत्र लिखकर यह आरोप लगाया है कि विश्व भारती विश्वविद्यालय की भूमि पर निजी पक्षों का अनाधिकृत तौर पर कब्ज़ा है। जिसमें अमर्त्य सेन की भूमि को भी इस सूची में शामिल किया गया है। हालांकि अमर्त्य सेन का कहना है कि जिस भूमि पर उनका घर स्थित है। वो एक लंबी अवधि के पट्टे पर है और हाल ही में खत्म होने के कगार पर नहीं है। अमर्त्य सेन ने विश्वविद्यालय के कुलपति पर तंज कसते हुए कहा है कि बिद्युत चक्रवर्ती शुरू से ही किसी को भी हटाने के सपने संजोते रहते हैं। 

ममता ने कहा भी था कि बीजेपी के खिलाफ बोलने के कारण उन्हें (अमर्त्य सेन) को निशाना बनाया गया है। यहां रेखांकित करने योग्य बात यह है कि विश्व भारती विश्वविद्यालय के चांसलर प्रधानमंत्री हैं। गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को भी संबोधित किया था।