Mehbooba Mufti: तानाशाही के खिलाफ खड़े रहने के लिए राहुल गांधी को याद रखेगा इतिहास
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा, राहुल गांधी में सच बोलने की हिम्मत है, मौजूदा तानाशाही सरकार के ख़िलाफ़ तनकर खड़े रहने के लिए इतिहास उन्हें याद रखेगा

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यंमत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि देश में राहुल एकमात्र नेता हैं जिनमें सच बोलने की साहस है। मुफ़्ती ने कांग्रेस नेता की तारीफ करते हुए कहा है कि देश के मौजूदा तानाशाही निज़ाम के खिलाफ तनकर खड़े रहने का साहस दिखाने के लिए इतिहास हमेशा राहुल गांधी को याद रखेगा।
महबूबा मुफ्ती ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से शनिवार को ट्वीट किया, 'आप चाहे राहुल गांधी का कितना भी मजाक उड़ाएं, लेकिन वह देश में एकमात्र नेता हैं जो सच बोलने का साहस रखते हैं। सच्चाई यह है कि नया भारत कुछ गिनेचुने लोगों और उनके खासमखास पूंजीपतियों के चंगुल में फंसा हुआ है। देश की मौजूदा तानाशाही हुकूमत के खिलाफ तनकर खड़े रहने के लिए इतिहास उनको हमेशा याद रखेगा।'
Ridicule Rahul Gandhi all you want but he’s the only politician who dares to speak the truth. Its a fact that new India is in the grip of a select few & crony capitalists. History will remember him for standing upto the present dictatorial regime.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) January 16, 2021
इसके पहले एक अन्य ट्वीट में महबूबा ने केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने ट्वीट किया, 'केंद्र सरकार की पालतू जांच एजेंसी एनआईए अब किसान यूनियनों के पीछे पड़ी है। आतंकवाद से जुड़े मामलों की जांच करने वाली देश की शीर्ष एजेंसी में किस तरह की सड़ांध भर गई है, इसका अंदाज़ा कश्मीरियों, किसानों और असहमति जाहिर करने का साहस दिखाने वालों को झूठे आरोपों में फंसाने के उसके तरीके से लगाया जा सकता है।'
GOIs pet agency NIA is now being unleashed on farmer unions. The rot that has set into India’s premier terror investigative agency can be gauged from the manner in which they are fabricating charges on Kashmiris, farmers & those who dare to dissent https://t.co/WJrckyUeOP
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) January 16, 2021
कांग्रेस नेता राहुल गांधी न सिर्फ कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का लगातार समर्थन कर रहे हैं, बल्कि यह आरोप भी खुलकर लगाते हैं कि मोदी सरकार देश के गरीबों-किसानों के लिए नहीं, बल्कि अपने कुछ खास उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए ही लगातार काम करती है। इसके अलावा वे केंद्र सरकार की जांच एजेंसियों की तरफ से विपक्षी नेताओं के खिलाफ होने वाली कार्रवाइयों के खिलाफ भी जमकर आवाज़ उठाते रहे हैं। यही वजह है कि कभी बीजेपी के साथ मिलकर सरकार चलाने वाली महबूबा मुफ्ती अब खुलकर राहुल गांधी की तारीफ कर रही हैं।