हरियाणा के सीनियर IPS अफसर ने खुद को मारी गोली, CM के साथ जापान दौरे पर है IAS पत्नी

हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस वाई एस पूरन कुमार ने चंडीगढ़ के सेक्टर-11 में अपने घर में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उनकी पत्नी जापान दौरे पर थीं। पूरन कुमार 2001 बैच के अधिकारी थे और कई प्रमोशन व उत्पीड़न मामलों को लेकर सुर्खियों में रहे। पुलिस जांच जारी है।

Updated: Oct 07, 2025, 04:26 PM IST

चंडीगढ़। हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई एस पूरन कुमार ने मंगलवार को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने निजी आवास में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उनका शव घर पर खून से लथपथ हालत में पाया गया। घटना की सूचना मिलते ही चंडीगढ़ पुलिस और फॉरेंसिक टीम तुरंत मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। फिलहाल पुलिस घटनास्थल और आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है और शव को सेक्टर-16 अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

वाई एस पूरन कुमार की पत्नी आईएएस अमनीत पी. कुमार इस समय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ जापान दौरे पर हैं और सोमवार को भारत लौटेंगी। उनकी एक बेटी भी है, जिसने सबसे पहले उन्हें मृत पाया और पुलिस को सूचना दी। पूरन कुमार हरियाणा कैडर के 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे और अपने ईमानदारी के लिए जाने जाते थे। हाल ही में उन्हें रोहतक की सुनारिया पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में आईजी के रूप में पोस्ट किया गया था।

यह भी पढ़ें:MP: ऑनलाइन चाकू मंगवाना पड़ सकता है भारी, कटनी में 4 नाबालिग समेत 6 लोग हुए गिरफ्तार

चंडीगढ़ पुलिस और प्रशासन ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू की। एसएसपी कंवरदीप कौर समेत वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने जनता से अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें। पुलिस सभी संभावित पहलुओं की जांच कर रही है और जल्द ही आत्महत्या के पीछे की वजह का निष्पक्ष खुलासा किया जाएगा। इस घटना की वजह से पुलिस विभाग और राज्य प्रशासन में शोक की लहर दौड़ गई है। पूरन कुमार को उनके काम और ईमानदारी के लिए सम्मानित किया जाता था, और उनकी अचानक मौत से विभाग में गंभीर स्तब्धता फैली है।

पिछले कुछ सालों में पूरन कुमार कई मामलों को लेकर सुर्खियों में रहे थे। उन्होंने कई आईपीएस अफसरों के प्रमोशन पर सवाल उठाए और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर नियमों के विरुद्ध प्रमोशन और बकाया भुगतान की शिकायत की थी। इसके अलावा उन्होंने पूर्व डीजीपी मनोज यादव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों पर उत्पीड़न और जातिगत भेदभाव के आरोप भी लगाए थे। वन ऑफिसर वन हाउस पॉलिसी के तहत उन्होंने कई शिकायतें दर्ज कराई थीं और यह मुद्दा भी सुर्खियों में रहा था।