आरएसएस नेता एमजी वैद्य का नागपुर में निधन, पीएम मोदी ने जताया शोक
आरएसएस के पहले आधिकारिक प्रवक्ता रहे एमजी वैद्य लंबे समय से बीमार चल रहे थे, उन्होंने आज ही 97 साल की उम्र में नागपुर के स्पंदन अस्पताल में आखिरी सांसें लीं

नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता माधव गोविंद वैद्य का आज निधन हो गया। 97 साल के एमजी वैद्य आरएसएस के पहले आधिकारिक प्रवक्ता रहे। वैद्य के निधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर आरएसएस चीफ मोहन भागवत समेत संघ परिवार से जुड़े तमाम लोगों ने शोक जाहिर किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, 'श्री एम जी वैद्य जी एक जाने-माने लेखक और पत्रकार थे। उन्होंने दशकों तक आरएसएस में बड़े पैमाने पर योगदान दिया। उन्होंने बीजेपी को मजबूत करने के लिए भी काफी काम किया था। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ॐ शांति।'
Shri MG Vaidya Ji was a distinguished writer and journalist. He contributed extensively to the RSS for decades. He also worked to strengthen the BJP. Saddened by his demise. Condolences to his family and admirers. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 19, 2020
एमजी वैद्य के निधन पर सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी शोक संदेश जारी किया है। भागवत ने कहा है कि वैद्य के निधन से संघ ने एक वरिष्ठ छत्रछाया खो दी है। उन्होंने लिखा है, 'संस्कृत के प्रगाढ़ विद्वान, उत्तम पत्रकार, विधान परिषद के सक्रिय सदस्य, उत्कृष्ट साहित्यिक ऐसी सारी बहुमुखी प्रतिभा के धनी, बाबू राव जी ने यह सारी गुणसंपदा संघ को समर्पित कर रखी थी।'
“श्री बाबूरावजी वैद्य का जीवन व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक तथा आजीविका इन चतुर्विध आयामों में संघ संस्कारों की अभिव्यक्ति करने वाला संघानुलक्षी, संपन्न व सुंदर गृहस्थ जीवन था।”
— RSS (@RSSorg) December 19, 2020
श्री बाबूराव वैद्य जी के दुःखद निधन पर परमपूजनीय सरसंघचालक और माननीय सरकार्यवाह जी का शोक सन्देश : pic.twitter.com/4cZBe3SWjG
बताया जा रहा है कि वैद्य लंबे समय से बीमार चल रहे थे। बीते दिनों तबीयत ज्यादा बिगड़ने के बाद उन्हें नागपुर के स्पंदन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस दौरान शनिवार को दोपहर 3.30 बजे उनका निधन हो गया। बीते दिनों वह कोरोना संक्रमित भी पाए गए थे। हालांकि बाद में उनका कोरोना संक्रमण ठीक हो गया था। एमजी वैद्य का अंतिम संस्कार कल यानी रविवार 20 दिसंबर को अंबाझरी घाट पर किया जाएगा।
एमजी वैद्य आरएसएस के एकमात्र ऐसे नेता थे, जिन्होंने अब तक हर सरसंघचालक के साथ काम किया था। वे 'तरुण भारत' के संपादक भी रहे। वैद्य ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में कई किताबें भी लिखी थीं। संघ के साथ-साथ बीजेपी के लोग भी वैद्य का काफी सम्मान करते रहे हैं।
अपनी राय खुलकर रखते थे एमजी वैद्य
एमजी वैद्य की खासियत थी कि दशकों तक आरएसएस के माहौल का हिस्सा होने के बावजूद वे समय-समय पर अपनी राय लोगों के सामने खुलकर रख देते थे। मसलन, 2012 में उन्होंने अपने ब्लॉग में लिख दिया कि तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी को पद से हटाने के लिए एक कैंपेन चलाया जा रहा है, जिसके पीछे गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का हाथ है। उस वक्त बीजेपी समेत संघ परिवार के ज्यादातर लोगों ने इसे एमजी वैद्य की निजी राय बताते हुए पल्ला झाड़ लिया था। इसके बाद 2017 में उन्होंने आरक्षण को हमेशा के लिए जारी रखने का विरोध किया तो आरएएस ने भी उनकी राय को खारिज करते हुए किनारा कर लिया। इसी तरह जनवरी 2020 में महाराष्ट्र को चार राज्यों में बांटने के उनके सुझाव पर भी काफी विवाद हुआ। लेकिन समय-समय पर अपने अलग विचार जाहिर करके अलग-थलग पड़ जाने के बावजूद एक बुजुर्ग आरएसएस कार्यकर्ता के तौर पर उनका काफी सम्मान था।