इस्तीफे के बाद बोले सिद्धू, मैं हाईकमान को गुमराह नहीं कर सकता

सिद्धू ने कहा कि मैंने हमेशा सच और हक की लड़ाई लड़ी है, कभी भी निजी लड़ाई नहीं लड़ी

Updated: Sep 29, 2021, 07:03 AM IST

Photo Courtesy: Indian Express
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नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष पद छोड़ने के ठीक अगले दिन नवजोत सिंह सिद्धू का बयान सामने आया है। सिद्धू ने ट्विटर पर अपना एक वीडियो संदेश साझा करते हुए कहा है कि वे कांग्रेस हाईकमान को गुमराह नहीं कर सकते। सिद्धू ने कहा कि उन्होंने हमेशा सच और हक की लड़ाई लड़ी है। 

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि दागी अफसरों और दागी नेताओं की वापसी मंजूर नहीं है। और इसी को लेकर उनकी नाराजगी है। सिद्धू ने कहा कि अकालियों को क्लीन चिट देने वालों को नियुक्त किया गया है। सिद्धू ने कहा कि वे न तो हाईकमान को गुमराह कर सकते हैं और न ही हाईकमान को गुमराह होने दे सकते हैं। 

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि उन्होंने 17 वर्षों के राजनीतिक करियर में हमेशा सच और हक की लड़ाई लड़ी है। इस दौरान एक बार भी उन्होंने निजी लड़ाई नहीं लड़ी। सिद्धू ने कहा कि वे राजनीति में एक मकसद के लिए आए थे। और वह मकसद पंजाब की जनता की भलाई था। सिद्धू ने कहा कि वे हमेशा पंजाब की जनता की मुद्दों के लिए लड़े। 

नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को अचानक पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर चकित कर दिया। सिद्धू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में कहा कि किसी भी इंसान का पतन तभी होता है जब वह समझौता करना शुरू कर देता है। सिद्धू ने अपने त्यागपत्र में कहा कि वे कांग्रेस के साथ बने रहेंगे। 

सिद्धू के इस्तीफे के बाद पंजाब कांग्रेस में इस्तीफों की लाइन लग गई। पंजाब कैबिनेट में मंत्री रजिया सुल्ताना ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उधर पंजाब कांग्रेस के योगिंदर ढींगरा, गौतम सेठ और गुलजार इंदर चहल ने भी अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। पंजाब की सियासत में आज का दिन बेहद अहम माना जा रहा है। अब सारा दारोमदार कांग्रेस आलाकमान के ऊपर है कि आखिर वह इस स्थिति से कैसे निपटती है?